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कंगना ने भले ही मोदी की तारीफ की हो लेकिन वो राजनीति में शायद ही आएं

म से कम अभी तो कंगना का फिल्मी करियर बढ़िया चल रहा है, उनके पास काफी फिल्में भी है और वो उनमें व्यस्त भी हैं ऐसे में देश की बहतरीन अभिनेत्रियों में शुमार कंगना के लिए फिलहाल राजनीति दूर की कौड़ी जैसा ही है.

Debobrat Ghose

हिंदी फिल्म जगत में एक ऐसी अदाकारा हैं जो अपनी बात बिना किसी लाग लपेट के रखने के लिए जानी जाती हैं. जी हां, हम बात कर रहे हैं क्वीन और तनु वेड् मनु जैसी हिट फिल्मों की मशहूर अभिनेत्री कंगना रनौत की. कंगना 18 मार्च को न्यूज़ 18 की राइजिंग इंडिया सम्मिट में शामिल हुई थीं. वहां उन्होंने वैसे तो बहुत से मसलों पर अपनी बात रखी लेकिन उन्होंने दो बातें ऐसे कहीं जिस पर सभी का ध्यान गया.

पहला, कंगना ने ये स्पष्ट रूप से ऐलान किया कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बहुत बड़ी प्रशंसक है और दूसरा ये कि वो देश को अपनी सेवाएं देना चाहती हैं अगर कभी राजनीति में उनका पदार्पण हुआ तो.


न्यूज 18 राइजिंग इंडिया सम्मिट का समापन कंगना के सत्र के साथ ही हुआ. समापन सत्र में कंगना की दोनों बातों ने लोगों को ये सोचने का मजबूर कर दिया कि क्या बॉलीवुड की ‘क्वीन’ जल्द ही राजनीति में भी हाथ आजमाने की ख्वाहिश रख रही हैं. लोगों ने तो ये तक अंदाजा लगाना शुरू कर दिया है कि पीएम मोदी की तारीफ कर कंगना अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत बीजेपी से करने की चाहत रख रही हैं. कई लोग तो इस निष्कर्ष तक पहुंच भी गए और जल्द ही ये सुर्खियां भी बन गईं कि कंगना कि दिलचस्पी राजनीति में है और वो इसमें शामिल भी होने जा रही हैं.

लेकिन कंगना का बात कहने का अपना अंदाज रहा है और वो अपनी मन की बात बेधड़क और बेलौस तरीके से रखती हैं. यहां तक कि फिल्म जगत के बड़े सितारों के खिलाफ भी वो खरा-खरा बोलने से कभी नहीं चूकी हैं. ऐसे में कंगना के जिन दो बयानों पर चर्च हो रही है उसे दो अलग-अलग संदर्भों में रखकर देखने की जरूरत है.

कंगना ने ये बयान साधारण तरीके बिना सोचे समझे नहीं दिए हैं. दरअसल कंगना बेवजह बातें नहीं बनाती हैं और हाल ही में जिस तरह से कंगना ने बिना अपने करियर की परवाह किए बगैर एक बड़े स्टार के खिलाफ अपनी बात मजबूत तरीके से लोगों के सामने रखी हैं उससे ये साबित होता है कि वो साहसी होने के साथ साथ बुद्धिमान भी हैं और केवल एक फिल्म के प्रचार के लिए या खबरों में बने रहने के लिए वो बकवास नहीं करती हैं.

फिल्म इंडस्ट्री में कई कलाकार ऐसे हैं जो बेवकूफी भरे या बेमकसद का बयानबाजी कर लोगों का और मीडिया का ध्यान अपनी ओर खींचते रहते हैं लेकिन कंगना ने अपनी बात हमेशा न केवल बुद्धिमत्ता से रखी है बल्कि उसे साबित भी किया है. कंगना ने कार्यक्रम में कहा, 'मैं मोदी की बहुत बड़ी फैन हूं,वो एक आदर्श रोल मॉडल हैं. एक चायवाले के बेटे का प्रधानमंत्री बन जाना केवल मोदी जी की जीत नहीं है बल्कि ये लोकतंत्र की जीत है.'

दरअसल यह कह कर कंगना ने मोदी की स्थिति की तुलना खुद की स्थिति से की थी. कंगना के लिए बिना किसी सहारे के फिल्म इंडस्ट्री में आ कर पैर जमाना कुछ बैसा ही था जैसा कि एक वक्त मोदी के लिए राष्ट्रीय राजनीति में आना था. शायद यही वजह थी कि कंगना ने मोदी को अपना रोल मॉडल बता कर उनसे प्रेरणा लेने की बात कही.

कंगना ने मोदी के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ‘स्वच्छ भारत मिशन’ का नाम लिए बिना स्वच्छता पर चर्चा की. कंगना ने बताया कि किस तरह से मोदी के स्वच्छता के संदेश को उन्होंने आत्मसात किया है. कंगना के अनुसार जब वो अपने गृहनगर हिमाचल प्रदेश के मंडी में जाती हैं तो उन्हें पर्यटकों द्वारा फेंके गए खाली पैकेट्स को सड़कों पर बिखरा देख कर दुख पहुंचता है. कंगना के अनुसार वो खाली पैकेटस खुद चुनकर अपने पॉकेट में डाल लेती हैं और बाद में उसे कूड़ेदान के हवाले कर देती हैं. ये वाकया ये बताने के लिए काफी है कि मोदी की बातों से कंगना कितनी प्रभावित हैं.

कंगना के मुताबिक वो पानी के बर्बादी के खिलाफ भी मुखर रहती हैं. कई बार तो टंकी से बेवजह पानी गिरता देखकर वो अनजान घरों में भी जाकर मोटर बंद करने का आग्रह करती हैं. इसमें कई बार तो लोग उनकी बात मान जाते हैं तो कई बार उनको ‘तुम्हें क्या पड़ी है’ कि झिड़की भी सुननी पड़ती है.

कंगना को उन लोगों से चिढ़ है जो कि खुद ही गंदगी फैलाते हैं और बाद में कहते हैं कि देश में बड़ी गंदगी है. कंगना का कहना है कि हाल के दिनों में देश के बारे में बुरा बोलने का चलन बढ़ गया है. कंगना पूछती हैं कि क्यों देश की तारीफ करने से हिचकते हैं लोग ? खुद तो साफ-सफाई रखते नहीं है लेकिन देश में फैली गंदगी की शिकायत करने से लोग चूकते नहीं है.

कंगना ने कहा कि लोग खूब शिकायतें करते हैं ऐसे में अगर उन्हें अपने देश से शिकायत है तो उन्हें दूसरे देश चले जाना चाहिए, लेकिन वहां से उन्हें वापस भेज दिया जाएगा. लोग यहां बातें खूब बनाते हैं केवल बातों से काम नहीं चलेगा. कंगना जोर देकर कहती हैं कि हम उतने ही अच्छे हैं जितना हमारा देश, अगर हम आगे बढ़े तो हमारा देश, यहां कि जनता सब आगे बढ़ेंगे.

कंगना से चर्चा के दौरान राष्ट्रवादी शब्द का जिक्र आया. कंगना ने तुरंत जवाब देते हुए कहा कि चलिए, पहले की अपेक्षा कम से कम अब ये शब्द प्रचलित तो हुआ जिसे अच्छा कहा जा सकता है. कंगना ने सवाल उठाया कि क्यों राष्ट्रवाद की तुलना रुढ़िवाद या कट्टरवाद से की जाती है?

कंगना ने सीमा की रक्षा करने में जुटे जवानों का उदाहरण देते हुए कहा कि, हमारे जवान सीमा की सुरक्षा करते हैं इनमें से कइयों को अपनी जान तक गंवानी पड़ती है ऐसे में बॉर्डर के बारे में चर्चा करने से गुरेज क्यों ?

कंगना ने राजनीति में एंट्री मारने का ऐलान नहीं किया बल्कि उनसे इंटरव्यू के दौरान पूछा गया. इसका जवाब उन्होंने बड़ी हाजिरजवाबी के साथ दिया. 31 वर्षीया अभिनेत्री ने मुस्कुराते हुए राजनीति का बचाव करते हुए कहा कि कहा कि राजनीति एक शानदार क्षेत्र है लेकिन इसको लेकर लोगों में गलतफहमियां हैं. अगर राजनीति नहीं होगा तो प्रजातंत्र नहीं होगा और अगर प्रजातंत्र नहीं होगा तो लोगों के पसंद की सरकार कैसे बनेगी?

राजनीति में खुद के शामिल होने पर उन्होंने हंसते हुए कहा कि वो नेताओँ जैसे बोरिंग कपड़े नहीं पहनना चाहती और जिस तरह से वो बेलाग और बेलौस तरीके से अपनी बात रखती हैं उससे कोई भी पार्टी उन्हें अपने दल में शामिल नहीं होने देगी. लेकिन कंगना ने कहा कि वो देश को अपनी सेवा देने को इच्छुक है.

कंगना ने देश सेवा की बात जरुर कही लेकिन उन्होंने कहीं से भी सिनेमा छोड़कर राजनीति में इंट्री मारने का इरादा नहीं जताया ऐसे में कंगना की राजनीति में फिलहाल शामिल होने का कयास लगाना बेमानी साबित होगा. कम से कम अभी तो कंगना का फिल्मी करियर बढ़िया चल रहा है, उनके पास काफी फिल्में भी है और वो उनमें व्यस्त भी हैं ऐसे में देश की बहतरीन अभिनेत्रियों में शुमार कंगना के लिए फिलहाल राजनीति दूर की कौड़ी जैसा ही है.

तीन बार की राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता और बॉलीवुड में उच्चतम पारिश्रमिक लेने वाली अभिनेत्रियों में से एक, कंगना की छवि मीडिया में अपना पक्ष ईमानदार तरीके से रखने वालों में है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके काम से प्रेरणा लेने वाले बयानों को भी उसी संदर्भ से देखे जाने की आवश्यकता है.