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SC के जूनियरमोस्ट जज होने पर बोले जस्टिस जोसेफ- फिर से बच्चे की तरह महसूस कर रहा हूं

जस्टिस जोसेफ ने कहा कि 60 साल से ज्यादा उम्र होने के बाद भी मैं दोबारा बच्चे जैसा महसूस कर रहा हूं, जस्टिस जोसेफ सुप्रीम कोर्ट के 25 जजों में से सबसे जूनियर हैं

FP Staff

सुप्रीम कोर्ट जज नियुक्त होने के बाद पहली बार सार्वजनिक तौर पर बोलेत हुए जस्टिस केएम जोसेफ ने मंगलवार को कहा कि मुझे अपनी सीमाओं के बारे में पता था. वो वादा करने से बचे लेकिन उन्होंने कहा कि वो जिस पद के लिए शपथ लिए हैं उसके प्रति निष्ठावान बने रहेंगे. जस्टिस जोसेफ ने कहा कि 60 साल से ज्यादा उम्र होने के बाद भी मैं दोबारा बच्चे जैसा महसूस कर रहा हूं. जस्टिस जोसेफ सुप्रीम कोर्ट के 25 जजों में से सबसे जूनियर हैं.

द हिंदू की खबर के मुताबिक, नए जजों के सम्मान में आयोजित सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि मैं उम्मीद कर रहा था कि मुझे जस्टिस इंदु मल्होत्रा, इंदिरा बनर्जी और विनीत सरण के बाद बोलने के लिए बुलाया जाएगा. उन्होंने बार एसोसिएशन को धन्यवाद दिया कि उन्हें बोलने के लिए सबसे पहले बुलाया गया.


उन्होंने कहा कि मुझे शीर्ष अदालत में प्रमोशन होने के बाद अपनी सीमाओं का एहसास है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह एक बहुत बड़ा सम्मान भी है.

कॉलेजियम ने 16 जुलाई को हुई बैठक में सर्वसम्मति से जस्टिस जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट जज बनाने का फैसला लिया था. कॉलेजियम पहले भी केएम जोसेफ के नाम की सिफारिश किया था लेकिन केंद्र सरकार ने उनके नाम को पुर्नविचार के लिए लौटा दिया था.

कॉलेजियम ने सबसे पहले 10 जनवरी को केएम जोसेफ के नाम की सिफारिश की थी. इससे बाद 11 मई को हुई बैठक में भी कॉलेजियम ने इस पर सर्वसम्मति से केएम जोसेफ के नाम को दुबारा भेजने का फैसला लिया था. लेकिन 16 मई को हुए बैठक में इस फैसले को स्थगित कर दिया था. 16 जुलाई को लिए गए फैसले में कॉलेजियम ने कहा कि कानून मंत्री की टिप्पणियों पर सावधानीपूर्वक विचार किया गया, जोसेफ की उपयुक्तता पर कुछ भी प्रतिकूल नहीं पाया गया है.