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जस्टिस चेलमेश्वर खाली कर रहे हैं अपना बंगला, 22 जून को होंगे रिटायर

जस्टिस चेलमेश्वर ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का वह आग्रह ठुकरा दिया जिसमें उन्हें विदाई (फेयरवेल) देने की बात कही गई थी

FP Staff

जस्टिस चेलमेश्वर 22 जून को रिटायर होने से पहले अपना आधिकारिक आवास खाली कर रहे हैं. वे सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के बाद सबसे वरिष्ठ जज हैं. जस्टिस चेलमेश्वर पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि रिटायरमेंट के बाद अपने गृह नगर चले जाएंगे.

चेलमेश्वर अविभाजित आंध्र प्रदेश के अतिरिक्त जज रह चुक हैं. उसके पहले 2007 में उन्हें गुवाहाटी हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस बनाया गया था. साल 2011 में सुप्रीम कोर्ट के जज बनाए जाने से पहले वे केरल हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं.


इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी एक खबर में बताया कि चेलमेश्वर ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का वह आग्रह ठुकरा दिया जिसमें उन्हें विदाई (फेयरवेल) देने की बात कही गई थी. इससे पहले जब वे केरल और गुवाहाटी हाई कोर्ट से रिटायर हुए, तब भी उन्होंने विदाई समारोह कराने से इनकार कर दिया था.

जजों ने भावभीनी विदाई दी

विदाई से मना करने के बाद ऐसे कयास लगने शुरू हो गए थे कि जस्टिस चेलमेश्वर चीफ जस्टिस मिश्रा के बेंच में शामिल नहीं होंगे. उनके ऑफिस के अंतिम दिन कई वरिष्ठ जजों ने उन्हें भावभीन विदाई दी. जस्टिस ने सबका आभार जताया और अगर किसी को उनकी बातों से दुख पहुंचा हो तो इसके लिए माफी भी मांगी. उन्होंने हाथ जोड़े कोर्ट रूम से विदाई ली.

सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जजों में से एक जस्टिस जस्टी चेलमेश्वर ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर कहा था कि के एम जोसेफ की पदोन्नति के लिए तुरंत एक बैठक की जाए. तीन अन्य जजों ने भी चीफ जस्टिस से मिलकर जोसेफ के नाम पर दोबारा विचार करने को कहा था. ये तीनों जज भी कॉलेजियम का हिस्सा हैं. के एम जोसेफ उत्तराखंड हाईकोर्ट के जज हैं.

दरअसल कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जस्टिस जोसफ की पदोन्नति को लेकर जो ऐतराज जताए थे उनका क्रमवार जवाब जस्टिस चेलमेश्वर ने अपने पत्र में दिया था. जस्टिस चेलमेश्वर 22 जून को रिटायर हो रहे हैं. सीजेआई दीपक मिश्रा और जस्टिस चेलमेश्वर के अलावा कॉलेजियम के दूसरे सदस्य जस्टिस रंजन गोगोई, एम बी लोकुर और कुरियन जोसफ हैं.