कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सी एस कर्णन ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को पत्र लिखकर अपनी सजा के निलंबन की गुहार लगाई है. ये जानकारी जस्टिस कर्णन का पक्ष रख रहे वकीलों ने शुक्रवार को दी.
हालांकि राष्ट्रपति कार्यालय ने ऐसे किसी भी ज्ञापन की जानकारी मिलने से इंकार किया है. जस्टिस कर्णन को अदालत के अवमानना मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा छह माह कैद की सजा मिली हुई है.
उनके वकीलों ने कहा था कि इस फैसले पर रोक लगाने के लिए कर्णन की ओर से संविधान के अनुच्छेद 72 के तहत एक ज्ञापन ईमेल के जरिए भेजा गया था.
अनुच्छेद 72 के अनुसार राष्ट्रपति के पास दंड से क्षमा, दंड विराम, राहत या कमी देने या सजा को निलंबित करने की शक्ति होती है.
इस ज्ञापन को न्यायमूर्ति कर्णन के वकील मैथ्यूज जे नेडुमपारा और ए सी फिलिप ने तैयार किया था.
इससे पहले भी न्यायमूर्ति कर्णन ने शीर्ष अदालत में एक याचिका लगाकर नौ मई के आदेश को वापस लेने की मांग की थी. लेकिन प्रधान न्यायाधीश ने इसपर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था.