view all

ओपन एयर म्यूजियम में सहेजा जाएगा जुबली रेल ब्रिज

1885 को रेलों के परिचालन के लिए खुलने वाला यह रेल ब्रिज देश के सबसे प्राचीन पुलों में से एक है

Bhasha

भारतीय रेल देश में अपनी तरह की पहली योजना के तहत हुगली नदी पर 19 शताब्दी में बने जुबली ब्रिज के एक हिस्से को विशेष रूप से तैयार ओपन एयर म्यूजियम में संभालकर रखेगी.

अप्रैल 2016 में बंद हो चुके इस पुल को अब तोड़ दिया जाएगा. लेकिन खुशी की बात यह है कि इसके एक खास हिस्से का संरक्षण अब ओपन एयर म्यूजियम में होगा. जिससे लोग इसको फिर से देख सकेंगे और इसके साथ ही यह इंजीनियरिंग के छात्रों को भी शिक्षित करने के काम आ सकेगा.


16 फरवरी, 1885 को रेलों के परिचालन के लिए खुलने वाला यह रेल ब्रिज देश के सबसे प्राचीन पुलों में से एक है. इस पुल को इंजीनियरिंग जगत का चमत्कार ही कहा जाएगा जिसका निर्माण पेंडुलम के आकार में एक विशिष्ट तरह के कच्चे लोहे से हुआ था.

कोलकाता के पास बनेगा म्यूजियम 

‘रेल विरासत संरक्षण’ विभाग में काम करने वाले रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नदी के नौपरिवहन चैनल मामलों की वजह से इस पुल के पूरे हिस्से का संरक्षण करना संभव नहीं हो सकेगा लेकिन कम-से-कम इसके एक हिस्से को फिर से स्थापित करने का मामला विचार करने लायक है.

पूर्वी रेलवे ने इस संग्रहालय को बनाने के लिए कोलकाता के आस-पास एक उपयुक्त जगह की पहचान करने का निर्देश दिया है.

उस अधिकारी ने बताया कि इस तरह का यह पहला संग्रहालय होगा.

इस योजना के मुताबिक ब्रिज प्लेटों और पेंडुलम बियरिंग जैसे अन्य अनोखे चीजों के साथ इस प्रतिष्ठित पुल के स्पैन-गर्डर को भी म्यूजियम में रखा जाएगा.

इस संग्रहालय का निर्माण भारतीय रेल द्वारा रेल विरासतों को संरक्षण करने की पहल के तहत किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य देशभर के रेल पुलों, लोकोमोटिव्स, रेल भवनों का संरक्षण कर उसे प्रदर्शनी के तौर पर संभालकर रखना है.

इस दिशा में अब तक रेलवे ने विरासत से संबंधी संपत्ति के तौर पर लगभग 100 भवन, पुल और विभिन्न रेल संरचनाओं की पहचान की है.

भारतीय रेल पुलों और भवनों समेत सभी रेल विरासत से संबंधित संरचनाओं के लिए एक डिजिटल संग्राहक तैयार कर रही है.