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आसाराम ने आखिर क्यों कहा, 'मैं गधों की श्रेणी में आता हूं'

अगर आप भी इसकी वजह जानना चाहते हैं तो पढ़िए यह खबर

FP Staff

अपने ही आश्रम की नाबालिग के साथ यौन दुराचार के आरोप में फंसे आसाराम एक बार फिर अपना आपा खो बैठे. गुरुवार को जोधपुर के एससी-एसटी कोर्ट में सुनवाई के दौरान जब आसाराम को कोर्ट में पेश किया गया तो मीडिया ने उनसे पूछा कि आप संत हो या कथावाचक की श्रेणी में आते हो.

इस पर आसाराम झल्ला उठे और आपा खोते हुए कहा कि मैं तो गधों की श्रेणी में हूं. जब आसाराम से दोबारा पूछा गया कि आपका ऐसा कहना उचित है कि आप खुद को गधा कह रहे हैं. इसके बाद आसाराम ने कहा, 'जो सही है वो कहा, मैं क्या जवाब दूं.'


क्यों खोया सब्र?

लगातार बचाव पक्ष के गवाहों के नहीं आने से और अखाड़ा परिषद द्वारा फर्जी बाबाओं की लिस्ट में आसाराम को बताए जाने पर आसाराम इतने दिन तो चुप थे, लेकिन गुरुवार को आखिरकार अपना सब्र खो बैठे एक बार फिर अपने आप को चर्चा में ला दिया है.

बुधवार को भी आसाराम को नियत समय पर पुलिस ने कोर्ट में पेश किया था. इस दौरान वे चुप्पी साधे रहे थे और कोई जवाब नही दिया था. हालांकि, कोर्ट से बाहर निकलते समय यह जरूर कहा था कि मैं कोई बहाना नहीं कर रहा हूं, मेरी तबीयत ठीक नहीं थी इसी वजह से कुछ नहीं बोला, आज ठीक हूं तो बोल रहा हूं.

बचाव पक्ष के गवाह पिछले कुछ समय से लगातार नहीं आने से मामले में सुनवाई आगे नहीं बढ़ पा रही है, जबकि आसाराम के अधिवक्ता आमतौर यही कहते हैं कि वे जल्द से जल्द सुनवाई पूरी करना चाहते हैं, लेकिन अब उनकी वजह से ही मामला लम्बित होता नजर आ रहा है.

(न्यूज 18 से साभार)