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JNU की छात्राओं ने किया सेल्फ-डिफेंस सेशन का बहिष्कार

हाल ही में जेएनयू प्रशासन ने पुराने जीएसकैश को भंग करके हाल ही में इंटरनल कंप्लेन कमिटी का गठन किया था

PTI

जेंडर सेल को लेकर जेएनयू में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. हाल ही में जेएनयू प्रशासन ने पुराने जीएसकैश को भंग करके हाल ही में इंटरनल कंप्लेन कमिटी (आईसीसी) का गठन किया था. इस कमिटी ने जेएनयू की छात्राओं के लिए सेल्फ-डिफेंस ट्रेनिंग सेशन शुरू किया लेकिन जेएनयू की छात्राओं ने इस सेशन का बहिष्कार किया है.

जीएसकैश के खत्म होने के बाद आईसीसी द्वारा शुरू किया गया यह पहला कार्यक्रम है.


इस ट्रेनिंग सेशन का बहिष्कार करने वाली छात्राओं का कहना है कि इस तरह का सेशन अपनी सुरक्षा का भार खुद छात्राओं के ऊपर ही डालता है. जबकि इससे पहले जीएसकैश जेंडर संबंधी जागरूकता के कार्यक्रम करवाता था जिसमें सिर्फ महिला स्टूडेंट्स ही नहीं बल्कि पुरुष स्टूडेंट्स भी शामिल होते थे. इन कार्यक्रमों के तहत फिल्म दिखाए जाते थे, मीटिंग होती थी और वर्कशॉप करवाए जाते थे.

इस वजह से हो रहा है विरोध

जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष गीता कुमारी का कहना है कि हालांकि कराटे सीखने में कोई बुराई नहीं है लेकिन यौन-उत्पीड़न को रोकने के लिए बनी संस्थाओं को जेंडर संबंधी जागरूकता पर ध्यान देना चाहिए.

गीता ने कहा कि कोई सिर्फ लड़की इसलिए नहीं आराम से घूम फिर सकती है क्योंकि वह कराटे जानती है बल्कि इसलिए वो बेफिक्र होकर रहे क्योंकि हम उनकी आजादी और पसंद का सम्मान करते हैं.

नवगठित आईसीसी ने दिल्ली पुलिस के साथ 10 दिनों का सेल्फ-डिफेंस ट्रेनिंग सेशन चला रही है. यह 23 अक्टूबर से शुरू हुआ है.

आईसीसी की पीठासीन अधिकारी प्रोफेसर विभा टंडन ने कहा कि डिफेंस ट्रेनिंग राष्ट्रीय नीति का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि महिलाओं के लिए कुछ भी सकारात्मक करने में गलत है. हम जेंडर जागरूकता संबंधी प्रोग्राम भी करेंगे और इसकी घोषणा जल्द ही होगी.