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जेएनयू में टैंक: जामिया वीसी ने कहा- हमारे यहां लगा हुआ है 'मिग'

जामिया वीसी ने कहा कि बच्चों को प्रेरित करने के लिए ऐसी पहल में कोई बुराई नहीं है

Bhasha

जेएनयू के वाइस चांसलर द्वारा छात्रों को देशभक्ति के लिए प्रेरित करने के लिए जेएनयू कैंपस में सेना का एक टैंक रखने की इच्छा व्यक्त करने पर उठे विवाद के बीच जामिया मिलिया इस्लामिया के कुलपति प्रो. तलत अहमद ने कहा कि हमारे विश्वविद्यालय में पहले से ही लड़ाकू विमान ‘मिग’ लगा हुआ है और उन्हें इसमें कोई खराबी नहीं लगती है.

छात्रों को प्रेरित करने में कोई बुराई नहीं


जामिया के वीसी प्रो. तलत अहमद ने ‘भाषा’ से इंटरव्यू में कहा, ‘हमारे यहां पहले से ही मिग विमान लगा हुआ है. प्रेरणा प्रदान करने के लिए ठीक है. अच्छा है, बच्चों को एक तरह से प्रेरणा मिलेगी, जिन लोगों ने देश के लिए सेवाएं दी हैं, सीमा पर बलिदान दिया है. उनके बारे में गौरव का भाव आएगा.’ उन्होंने कहा कि अगर वे (जेएनयू के कुलपति) चाहते हैं, अगर वहां नहीं है...तो टैंक भी चाहते हैं तो रख सकते हैं.

अहमद ने कहा कि देखिए अपने को सिर्फ देशभक्त साबित करने के लिए ऐसा करना ठीक नहीं है लेकिन बच्चों को प्रेरित करने के लिए ऐसी पहल में कोई बुराई नहीं है.

सैन्य कर्मियों को जामिया देगा डिग्री

प्रो. तलत अहमद ने कहा कि वायु सेना, नौसेना के अधिकारी और कर्मी कम उम्र में रिटायर हो जाते हैं और अनुभव होने के बावजूद उनके पास औपचारिक डिग्री नहीं होती है. ऐसे में हमने वायुसेना और नौसेना के साथ एमओयू किया है. हम उन्हें सेवा के दौरान पढ़ाई करने और औपचारिक डिग्री प्राप्त करने में मदद करेंगे.

उन्होंने कहा कि हम च्वायस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के तहत उन्हें पढाई करने में मदद करेंगे. वे नौकरी में रहते हुए करियर को बेहतर बना सकेंगे और नौकरी से सेवानिवृत होने के बाद जब तक बाहर आएंगे तो उनके पास औपचारिक डिग्री होगी.

जामिया मिलिया इस्लामिया के कुलपति ने कहा कि हम दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से उन्हें पढ़ाई करने में मदद करेंगे. यह जामिया की ओर से राष्ट्रीय योगदान होगा.

उन्होंने कहा कि सैन्यकर्मी पीएचडी भी कर सकते हैं लेकिन पीएचडी उन्हीं विषयों में कर पायेंगे जिसमें लैब वर्क नहीं हो. साहित्य, मानविकी जैसे विषयों में पीएचडी कर सकते हैं.

जामिया में शुरू होगा एयरोनाटिक्स का कोर्स

अहमद ने बताया कि जामिया मिलिया इस्लामिया और शीर्ष हेलीकाप्टर सेवा प्रदाता कंपनी पवन हंस लिमिटेड ने आपसी सहयोग से तीन वर्षीय बीएससी एयरोनाटिक्स डिग्री कोर्स शुरू करने का फैसला किया है. इस कोर्स की सैद्धांतिक पढ़ाई जामिया के इंजीनियरिंग विभाग में होगी और व्यवहारिक ज्ञान पवन हंस लिमिटेड के विभिन्न संस्थाओं में दिया जाएगा.

भारत में किसी केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा शुरू किए जाने जाने वाला अपनी किस्म का यह पहला डिग्री कोर्स होगा. सहमति पत्र में कहा गया है कि भविष्य में जेएमआई में बीएसी एविएशन डिग्री कोर्स भी शुरू किया जाएगा.

प्रो. अहमद ने कहा, ‘एयरोस्पेस और उपग्रह अनुसंधान के क्षेत्र में हमारे देश ने काफी बुलंदियों को छुआ है लेकिन वैमानिकी में हमें काफी कुछ करने की अभी जरूरत है. यह सहमति पत्र देश की वैमानिकी आवश्यकताओं को पूरा करने और जेएमआई का अनुसंधान स्तर बढ़ाने दोनों के लिये एक नया अध्याय साबित होगा.’

इस कोर्स के लिए विज्ञान और गणित के साथ 12वीं बोर्ड परीक्षा पास करने वाले लड़के और लड़कियां दोनों आवेदन कर सकते हैं. यह कोर्स स्व वित्तपोषण के तहत होगा.

उन्होंने कहा कहा कि अमीर ही नहीं बल्कि कम आय वाले परिवारों के बच्चे भी यह पढ़ाई कर पाएं, इसके लिए बैंकों के जरिए कर्ज दिलाने की व्यवस्था की गई है.