view all

JNU यौन उत्पीड़न मामला: शिकायतकर्ताओं ने कहा- हममें से ज्यादातर ABVP के मेंबर हैं

शिकायतकर्ताओं प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुलिस और प्रशासन पर इस मामले को गंभीरता से न लेने का आरोप लगाया. उन्होंने प्रशासन से अतुल जौहरी को सस्पेंड करने की मांग की

FP Staff

यौन-उत्पीड़न के मामले में जेएनयू के लाइफ साइंस के प्रोफेसर अतुल जौहरी को गिरफ्तारी के तुरंत बाद मंगलवार की शाम पटियाला हाउस कोर्ट से जमानत मिलने के बाद बुधवार को शिकायतकर्ताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. शिकायतकर्ताओं पुलिस और प्रशासन पर इस मामले को गंभीरता से न लेने का आरोप लगाया. उन्होंने प्रशासन से अतुल जौहरी को सस्पेंड करने की मांग की.

यहां पढ़िए शिकायतकर्ताओं का पूरा बयान


हमारे लिए बहुत ही बड़ा कदम था, अपने एकेडमिक करियर और अपने फ्यूचर प्रोफेशनल करियर को दाव पर लगाते हुए हमने यह कदम उठाया है. पिछले कई सालों से ऐसा होता आ रहा है. जब एक लड़की ने अपनी आवाज उठाई तो हम सबको यह हौसला मिला कि हम भी अपनी आवाज उठाएं. हम लोग आश्चर्यचकित हैं कि एक इंसान को आठ यौन उत्पीड़न के केस में 15 मिनट में बेल मिल गई.

सबसे पहले तो 16 मार्च को इतने सारे शिकायतकर्ता पुलिस थाने में गए, लेकिन पुलिस ने एक ही शिकायत दर्ज की. 19 तारीख को उन्होंने अलग-अलग आठ एफआईआर दर्ज की और 20 मार्च को प्रोफेसर को बेल मिल गई. 16 दिसंबर 2012 के हादसे के बाद लगा था कि हमारे समाज में यौन उत्पीड़न और हिंसा को गंभीरता से लिया जा रहा है, लेकिन कल जब आठ यौन उत्पीड़न के केस में इतनी आसानी से बेल मिली है उससे यह सवाल उठता है कि क्या हमारे देश में यौन उत्पीड़न के केस को गंभीरत से लिया जाता है या नहीं. जेएनयू प्रशासन ने इस विषय में कोई संस्पेंशन नहीं किया है. अभी तक अतुल जौहरी को कैंपस में घूमने की पूरी आजादी है.

हमें अभी तक समझ नहीं आ रहा है कि प्रशासन किसको सहारा दे रहा है?  पुलिस ने अतुल जौहरी की रिमांड की क्यों नहीं मांग की? वसंत कुंज थाना किसको बचाने की कोशिश कर रहा है? हमारे ऊपर अलग-अलग तरीके का दबाव आ रहा है अपनी शिकायत वापस लेने के लिए. उल्टी तरफ एक यौन उत्पीड़न मामले को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है. हममें से ज्यादातर एबीवीपी के रजिस्टर्ड मेंबर हैं, लेकिन अतुल जौहरी जो एक RSS का सहायक है उसने हमें वामपंथी बोला है.

हम चाहते हैं कि इसे एक गंभीर केस के तौर पर लिया जाए और यौन उत्पीड़न को हमारे देश में एक गंभीर अपराध के हिसाब से लिया जाए. अतुल जौहरी के वकील ने पटियाला हाउस की बेल याचिका में लिखा है कि हम अटेंडेंस लागू किए जाने का विरोध कर रहे थे. मगर हमारे यौन उत्पीड़न केस के साथ हमारे अटेंडेस का क्या रिश्ता है. हम पर बहुत ज्यादा प्रेशर है. हम चाहते हैं कि इस केस की निष्पक्ष जांच हो और इसके लिए अतुल जौहरी को सस्पेंड किया जाए.