view all

JNU: ट्वीट करने के लिए शेहला रशीद पर होगी प्रॉक्टोरियल जांच

शेहला रशीद ने कहा कि उन्हें 19 दिसंबर को प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सामने हाजिर होने के लिए कहा गया है लेकिन वे यूनिवर्सिटी प्रशासन के हाजिर नहीं होंगी

PTI

जेएनयू प्रशासन ने जेएनयू छात्रसंघ की पूर्व उपाध्यक्ष और छात्र नेता शेहला रशीद को उनके एक ट्वीट का हवाला देते हुए प्रॉक्टोरियल जांच में उपस्थित होने के लिए नोटिस दिया है. शेहला जेएनयू में ‘इंटरनेट सेंसरशिप’ को लेकर एक ट्वीट किया था. शेहला और छात्रसंघ ने जेएनयू प्रशासन के इस कदम को अनुचित और गलत बताते हुए, इसका विरोध किया है.

शेहला रशीद ने कहा कि उन्हें 19 दिसंबर को प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सामने हाजिर होने के लिए कहा गया है लेकिन वे यूनिवर्सिटी प्रशासन के हाजिर नहीं होंगी क्योंकि उनका ट्वीट यूनिवर्सिटी प्रशासन के ‘अधिकार क्षेत्र’ में नहीं आता है.


शेहला ने यह भी कहा कि इस तरह का संभवत: यह अपने आप में ऐसा 'पहला नोटिस' है जो सोशल मीडिया पर किसी पोस्ट के लिए किसी जेएनयू के स्टूडेंट को भेजा गया हो.

शेहला ने 7 दिसंबर को जारी इस नोटिस की तस्वीर को ट्वीट भी किया है. शेहला ने बताया कि गुरुवार को उन्हें यह नोटिस मेल द्वारा भी भेजा गया.

11 नवंबर को किया था ट्वीट

इस नोटिस में कहा गया है कि ‘23 नवंबर, 2017 को आपके खिलाफ चीफ प्रॉक्टर ऑफिस को एक शिकायत मिली है. इस शिकायत के अनुसार आपने अपने ट्वीटर पर जेएनयू वाई-फाई द्वारा कुछ कंटेंट को ब्लॉक किए जाने की बात लिखी थी. आपको यह निर्देश दिया जाता है कि आप 19 दिसंबर या  इससे पहले प्रॉक्टर बोर्ड के सामने उपस्थित होकर अपना पक्ष रखें.’

शेहला रशीद ने कहा कि वो इस केस के बारे में नहीं बल्कि इस तरह के नोटिस भेजे जाने पर सवाल खड़ा करेंगी और वे इस बारे में लिखित आपत्ति दर्ज करेंगी.

दरअसल शेहला ने 11 नवंबर को ट्वीट कर लिखा था कि ‘स्टूडेंट्स एआईबी, द वायर, एनडीटीवी, आंदोलन संबंधित यूट्यूब वीडियो आदि को नहीं देख पा रहे हैं. ममता बनर्जी, राहुल गांधी, शेहला रशीद, केजरीवाल, कन्हैया कुमार जैसे कीवर्ड्स पर भी सेंसर लगा दिया गया है.’