जेएनयू के गायब छात्र नजीब के मामले की जांच कर रही सीबीआई अब नजीब की तलाश के लिए दिल्ली के उन शवगृहों में उन शवों की जांच करेगी, जिनकी पहचान नहीं हो पाई है. सीबीआई पिछले 1 साल से दिल्ली पुलिस द्वारा की दर्ज किए गए केस की जांच कर रही है.
जेएनयू छात्र नजीब अहमद पिछले साल 15 अक्टूबर से एबीवीपी के छात्रों के साथ हुई मारपीट के बाद से गायब है.
3000 शवों की नहीं हुई है पहचान
न्यू इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक सीबीआई ने दिल्ली पुलिस से उन शवों की जानकारी मांगी है जिनकी पहचान नजीब के गायब होने के बाद नहीं हो पाई है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इस दौरान ऐसे करीब 3000 शव हैं जिनकी पहचान नहीं हो पाई है. बेहतर समन्वय के लिए सीबीआई ने पुलिस से एक नोडल अफसर नियुक्त करने की भी अपील की है.
सीबीआई के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल जसबीर सिंह ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक को इस बारे में एक चिट्ठी लिखी है.
इससे पहले सीबीआई ने मंगलवार को हाई कोर्ट में इस केस की स्थिति के बारे में जो रिपोर्ट दी थी, उसमें कहा गया है कि जिस ऑटो रिक्शा ड्राईवर ने नजीब को जामिया में अपने ऑटो से छोड़ने का दावा किया था वो अपने बयान से मुकर गया. उसने कहा कि उसने पहले वो बयान पुलिस के दबाव में दिया था. 27 वर्षीय नजीब अहमद जेएनयू में एमएससी बॉयोटेक का छात्र था.