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जेएनयू में 100 प्रतिशत तक महंगा हुआ रहना, तमाम फाइन भी बढ़े

प्रशासन का कहना है ये फैसला सर्वसमम्मति से लिया गया है, लोग इसका विरोध कर रहे हैं

FP Staff

जेएनयू में मेस की फीस में 100 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई है. करीब 15-20 साल बाद हुई इस बढ़ोत्तरी को आम सहमति से बढ़ाया गया है. जबकि दूसरा पक्ष इसे एकतरफा फैसला बता रहा है.

जेएनयू छात्रों के डीन उमेश कदम के मुताबिक इस फैसले की मीटिंग में सभी हॉस्टल के प्रेसिडेंट, स्टुडेंट यूनियन के लोग और दूसरे अधिकारी शामिल थे. 17 जनवरी को हुई ये मीटिंग 4-5 घंटे चली थी.


जबकि हॉस्टल के अध्यक्षों का कहना है कि उस मीटिंग में कोई फैसला नहीं हुआ था. ये फैसला 'विश्वासघात' है. फैसले का विरोध करने वाले कह रहे हैं कि अभी तक मीटिंग के मिनट भी नहीं जारी किए गए हैं. कुछ लोगों ने दामों में थोड़े-बहुत बदलाव की बात पर विचार करने की बात कही थी. लेकिन एकदम से दोगुनी कीमत करने पर कोई तैयार नहीं हुई है.

इन बढ़े हुए फाइन का सीधा असर फेलोशिप पर रह रहे छात्रों पर पड़ेगा. ब्रेकफास्ट पहले 25 रुपए का था, इसे बढ़ाकर 40 का कर दिया गया है. मेस सिक्योरिटी फीस 2,700 रुपए थी, अब 4,500 रुपए हो गई है. इसी तरह से रीएडमीशन फीस 20 रुपए से 100 रुपए कर दी गई है.

जेएनयू प्रेसिडेंट गीता कुमारी ने भी कहा है कि मीटिंग में ऐसा कोई प्रपोज़ल पास नहीं हुआ. वैसे जेएनयू प्रशासन ने छात्रों पर फाइन लगाकर भी खूब कमाई की है. छात्रों का आरोप है कि ये फाइन गलत तरीके से लगाए जा रहे हैं. कई छात्र नेताओं पर कई कई हजार तक के फाइन लगाए गए हैं. लेट फीस के फाइन भी कई गुना तक बढ़ा दिए गए हैं. दूसरे हॉस्टल में विज़िटिंग ऑवर के बाद मिलने पर 1,000 का फाइन है, हॉस्टल में शराब पीने पर 2,000 तक का फाइन है.