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रोहित वेमुला के आंदोलन से जुड़े जेएनयू के दलित छात्र ने की आत्महत्या

मुथुकृष्णन उर्फ रजनी कृष जेएनयू में एम.फिल स्टूडेंट था.

FP Staff

हैदराबाद यूनिवर्सिटी के एक पूर्व छात्र और जेएनयू से एमफिल की पढ़ाई कर रहे छात्र मुथुकृष्णन ने आत्महत्या कर ली है. बताया जा रहा है कि मुथुकृष्णन नाम के इस छात्र ने दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका में अपने दोस्त के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. पुलिस को अब तक कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक मृतक छात्र जेएनयू से एमफिल की पढ़ाई कर रहा था. कहा जा रहा है कि मुथुकृष्णन एक दलित छात्र था, जो हैदराबाद यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने के बाद जेएनयू से एम.फिल की पढ़ाई कर रहा था. फेसबुक पर उसने रजनी कृश के नाम से प्रोफाइल बना रखी थी.


रजनी कृश यानी मुथुकृष्णन रोहित वेमुला की आत्महत्या के बाद उससे संबंधित आंदोलन से जुड़ा था. मुथुकृष्णन जेएनयू के सेंटर फॉर हिस्टोरिकल स्टडीज यानी इतिहास केंद्र में एम.फिल का छात्र था.

रजनी कृश ने अपनी आत्महत्या से पहले फेसबुक पर एक पोस्ट लिखा है.इस पोस्ट में उसने लिखा है, ‘समानता से इंकार सभी चीजों से इंकार है. एम.फिल/पीएचडी के नामांकन में बराबरी का मौका नहीं दिया जाता है. वाइवा यानी मौखिक परीक्षा में कोई बराबरी नहीं है. प्रो. सुखदेव थोराट की सिफारिशों को लागू नहीं किया जा रहा है. छात्रों को प्रशासनिक भवन पर विरोध-प्रदर्शन करने से रोका जा रहा है. हाशिए के लोगों को शिक्षा देने से वंचित किया जा रहा है.’

अभी कुछ दिन पहले जेएनयू में छात्र एम.फिल और पीएचडी में  नामांकन में भेदभाव को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. जेएनयू के छात्रों का आरोप है कि जेएनयू में एम. फिल और पीएचडी में प्रवेश के लिए 30 नंबर की जो मौखिक परीक्षा ली जाती है, उसमें पिछड़े और दलित समुदाय के छात्रों के साथ भेदभाव किया जाता है.

जेएनयू के प्रशासन ने अभी कुछ दिन पहले प्रशासनिक भवन के सामने छात्रों के विरोध प्रदर्शन पर भी रोक लगा दी थी. हाईकोर्ट ने भी अभी कुछ दिन पहले दिए गए अपने फैसले में कहा कि जेएनयू के प्रशासनिक भवन के 100 मीटर के दायरे में कोई विरोध-प्रदर्शन नहीं किया जा सकता है.