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JNU अनिवार्य उपस्थिति मामलाः 7 डीन और डिपार्टमेंट हेड हटाए गए

जेएनयू में अनिवार्य उपस्थिति को जब से लागू करने की बात शुरू हुई थी तभी से इसका विरोध जारी है और अब हालात यहां तक पहुंच गए हैं

FP Staff

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कुलपति ने अनिवार्य उपस्थिति लागू करने के नियम का विरोध करने वाले या इससे इनकार करने वाले सात डीन और विभागाध्यक्षों को पद से हटा दिया. मंगलवार को जेएनयू प्रशासन ने इन लोगों के खिलाफ जांच समिति बैठाई थी.

जिन विभागाध्यक्षों को जेएनयू प्रशासन द्वारा हटाया गया है उनमें सेंटर फॉर फएरेच और फ्रैंकोफोन स्टडीज, सेंटर फॉर लिंगुइस्टिक, सेंटर फॉर हिस्टोरिकल स्टडीज, सेंटर फॉर इकोनॉमिक स्टडीज एंड प्लानिंग, सेंटर फॉर कॉम्पेरेटिव पॉलिटिक्स एंड पॉलिटिकल थॉट्स और सेंटर फॉर इंग्लिश स्टडीज शामिल है.


स्कूल ऑफ आर्ट्स एंड एस्थेटिक्स की डीन कविता सिंह के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है. कविता सिंह की जगह सेंटर फॉर पर्सियन एंड सेंट्रल स्टडीज के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर मजहर आसिफ को इसका डीन बनाया गया है.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, कविता सिंह ने कहा कि मेरी जगह पर किसी बाहरी व्यक्ति को लाया जा रहा है. वह प्रतिभाशाली होना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह तब किया जाता है जब स्कूल में कोई शिक्षक उस पद के लिए मौजूद न हो.

उन्होंने कहा कि प्रशासन जो कर रहा है, वह तो मात्र एक हिस्सा है. उसे ऐसे कई काम करने हैं. ये वो लोग हैं जो शिक्षा और शैक्षणिक संस्थानों को नहीं समझते.

सेंटर फॉर इंग्लिश स्टडीज के विभागाध्यक्ष उदय कुमार ने पुष्टि करते हुए कहा कि उनकी जगह धनजंय सिंह को लाया गया है. पिछले साल फैकल्टी की नियुक्तियों के दौरान जब सिंह को असिस्टेंट प्रोफेसर से प्रोफेसर बनाया जा रहा था तब कुमार ने इस पर सवाल उठाया था.धनजंय सिंह 2004 जेएनयूएसयू चुनाव में एबीवीपी के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार थे.