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जीशा रेप-मर्डर केस: कोर्ट ने दोषी को सुनाई फांसी की सजा

चार्जशीट में कहा गया था कि जब जीशा ने अमीरुल को रोकने की कोशिश की तब उसने उसकी हत्या कर दी थी

FP Staff

जीशा रेप-मर्डर केस में केरल के सेशन कोर्ट ने दोषी को फांसी की सजा सुनाई है. कोर्ट ने अमीरुल इस्लाम को मंगलवार को दोषी करार दिया था. चार्जशीट में कहा गया था कि जब जीशा ने अमीरुल को रेप करने से रोकने की कोशिश की तब उसने उसकी हत्या कर दी थी. 28 अप्रैल 2016 को 30 साल की दलित युवती और लॉ स्टूडेंट जीशा के साथ पेरंबवूर में पहले रेप हुआ और फिर बाद में उसकी निर्मम हत्या कर दी गई थी.

अमीरुल असम का रहने वाला है. उसके परिजनों का कहना है कि उसने 10 साल की उम्र में ही घर छोड़ दिया था. इस मामले में सुनवाई छह दिसंबर को पूरी हुई थी. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, जीशा रेप-मर्डर केस की सुनवाई 85 दिनों तक चली. करीब 15 प्रवासी श्रमिकों समेत 100 गवाहों से पूछताछ की गई. 290 दस्तावेज और 36 सबूतों की जांच की गई, डीएनए टेस्ट कराए गए, तब जाकर कहीं अमीरुल इस्लाम को दोषी पाया गया.

आपको बता दें कि 28 अप्रैल, 2016 को जीशा अपने एक कमरे के घर में मृत पाई गई थी. घर में जीशा और उसकी मां ही रहते थे और बड़ी मुश्किलों से अपना गुजर-बसर कर रहे थे. दोषी ने जीशा पर चाकू से कई वार किए और उसके प्राइवेट पार्ट्स भी काट दिए. हत्या को अंजाम देने के बाद अमीरुल पेरंबवूर छोड़कर भाग निकला. लेकिन पुलिस ने उसे तमिलनाडु के कांचीपुरम से 16 जून को गिरफ्तार कर लिया. पकड़े जाने के बाद अमीरुल ने बताया कि जुर्म करने के लिए उसे दूसरे वर्कर अनारुल इस्लाम ने उकसाया था. लेकिन पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि अनारुल हत्या होने के कुछ महीने पहले ही पेरंबवूर छोड़कर जा चुका था.

इस मामले में जीशा के पड़ोसी के अलावा कोई भी चश्मदीद गवाह नहीं था और उसने अमीरुल को जीशा के घर से बाहर निकलते देखा. वहीं अमीरुल के पकड़े जाने के बाद जीशा के पड़ोसी ने उसकी पहचान भी कर ली थी. मामले की जांच के लिए एसआईटी ने 30 से ज्यादा संदिग्धों को कस्टडी में लिया था.