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TRAI के कॉल ड्रॉप टेस्ट में JIO पास, बाकी टेलीकॉम कंपनियां हुई फेल

ट्राई ने देश के 8 प्रमुख राजमार्गों और तीन रेल मार्गों पर इसी वर्ष 24 अगस्त से 4 अक्टूबर के बीच स्वतंत्र ड्राइव टेस्ट करवाया था

FP Staff

कॉल ड्रॉप एक बहुत बड़ी समस्या है. खासकर रेलवे या राजमार्गों से सफर करने के दौरान टेलीकॉम ऑपरेटरों की सर्विस बहुत खराब हो जाती है. ट्राई ने इन शिकायतों और समस्याओं को देखते हुए देश के 8 प्रमुख राजमार्गों और तीन रेल मार्गों पर इसी वर्ष 24 अगस्त से 4 अक्टूबर के बीच स्वतंत्र ड्राइव टेस्ट करवाया था.

ट्राई द्वारा कराए गए इस कॉल ड्रॉप टेस्ट में जियो को छोड़ सभी कंपनियां फेल हो गई हैं. इस टेस्ट में जियो के अलावा कोई भी दूसरी टेलीकॉम कंपनी कॉल ड्रॉप मामले में ट्राई के नियमों पर खरी नहीं उतर पाई. वहीं जियो सभी राजमार्गों पर कॉल ड्रॉप नियामकों पर खरी उतरी.


जबकि बाकी कंपनियां कहीं फेल तो कहीं पास की हालत में रही. सरकारी कंपनी BSNL की हालत सबसे खराब बताई गई. वहीं एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया जैसी देश की प्रमुख टेलीकॉम कंपनियां कई राजमार्गों पर तय नियमों पर खरी नहीं उतर पाई.

जिन तीन रेल मार्गों पर ट्राई ने कॉल ड्रॉप टेस्ट करवाया था, उनमें प्रयागराज (इलाहबाद) से गोरखपुर, दिल्ली से मुंबई और जबलपुर से सिंगरौल शामिल हैं. राजमार्गों के मुकाबले रेल मार्गों पर कवरेज और कॉल ड्रॉप की स्थिति और भी गंभीर दिखाई दी. सिर्फ रिलायंस जियो ने ही तय मानकों को पार किया. बाकी सभी कंपनियां तय मानकों का पालन करने में विफल साबित हुईं हैं.

 प्रधानमंत्री को भी होना पड़ता है कॉल ड्रॉप की समस्या से दो-चार 

बीते सितंबर के महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी यह स्वीकारा था कि दिल्ली एयरपोर्ट से अपने आवास तक पहुंचने के दौरान उन्हें कॉल ड्रॉप की समस्या का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा था कि लोग दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरने के बाद लगातार कॉल करने की कोशिश करते हैं और कैसे कॉल ड्रॉप राष्ट्र स्तर की समस्या बन गई है.

प्रधानमंत्री की सीधी शिकायत के बाद दूरसंचार विभाग ने अक्टूबर महीने के पहले हफ्ते में ही टेलीकॉम कंपनियों की बैठक बुला ली थी. ट्राई ने कहा था कि अब बात करते-करते नेटवर्क गायब होने को ही सिर्फ कॉल ड्रॉप नहीं माना जाएगा बल्कि बातचीत के दौरान आवाज सुनाई न देना, आवाज अटकना या नेटवर्क कमजोर होने जैसी समस्याओं को भी इसमें शामिल किया जाएगा. इसके बाद टेलीकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने 1 अक्टूबर 2018 से एक नया कानून लागू किया. इसके तहत खराब सर्विस देने के लिए टेलीकॉम ऑपरेटरों पर जुर्माना लगाया जाता है.

(डिस्क्लेमरः फ़र्स्टपोस्ट हिंदी रिलायंस इंडस्ट्रीज की कंपनी नेटवर्क18 मीडिया एंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड का हिस्सा है. नेटवर्क18 मीडिया एंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड का स्वामित्व रिलायंस इंडस्ट्रीज के पास है)