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‘जिन्ना विवाद का मकसद एएमयू के अल्पसंख्यक किरदार पर सवाल खड़े करना’

'एएमयू में पिछले दिनों जो कुछ हुआ उसका मकसद इस संस्थान के अल्पसंख्यक किरदार पर सवाल खड़े करना है. यह एक साजिश है'

Bhasha

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर खड़े हुए विवाद के बीच कुछ अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों के छात्र संघों के पूर्व अध्यक्ष, शिक्षकों और इस्लामी जानकारों के एक संगठन ने आज आरोप लगाया कि 'यह सब विश्वविद्यालय की छवि खराब करने, इसके अल्पसंख्यक संस्थान होने पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करने और चुनावों से पहले ध्रुवीकरण का प्रयास है.'

'माइनॉरिटी यूनिवर्सिटीज एल्युमिनाई फ्रंट' के संयोजक प्रोफेसर बशीर अहमद खान ने कहा, 'एएमयू में पिछले दिनों जो कुछ हुआ उसका मकसद इस संस्थान के अल्पसंख्यक किरदार पर सवाल खड़े करना है. यह एक साजिश है. इसके जरिए एएमयू की छवि खराब करने और चुनाव से पहले समाज में ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रहे हैं.'


एएमयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष इरफानुल्ला खान ने कहा, 'यह सब एक सोची-समझी साजिश के तहत हो रहा है. पहले जेएनयू, फिर एएमयू और फिर जामिया मिल्लिया इस्लामिया को निशाना बनाने की कोशिश हो रही है. शिक्षण संस्थानों को निशाना बनाना देश के लिए उचित नहीं है.'

उन्होंने कहा, 'सरकार यह तय करे कि देश में किसकी तस्वीर लगनी चाहिये और किसकी नहीं लगनी चाहिये. हम जिन्ना को अहमियत नहीं देते लेकिन वह इतिहास का हिस्सा हैं और तस्वीर को इसी नजर से देखा जाना चाहिए.'

उन्होंने कहा, 'मानव संसाधन विकास मंत्रालय को इस मामले में दखल देना चाहिए और विश्वविद्यालय में हालात के बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट करना चाहिए.'

गौरतलब है कि एएमयू के यूनियन हॉल में लगी जिन्ना की तस्वीर को लेकर पिछले दिनों अलीगढ़ के बीजेपी सांसद सतीश गौतम ने कुलपति तारिक मंसूर को पत्र लिखा था. इसके बाद ही इस विवाद की शुरुआत हुई. इसी मामले को लेकर हिन्दू युवा वाहिनी के कुछ कार्यकर्ताओं ने एएमयू परिसर में घुसकर हंगामा और नारेबाजी की थी. इस हंगामे को लेकर पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है और मामले की जांच जारी है.1