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झारखंड: स्पेशल पुलिस के जवान बेच रहे थे जहरीली शराब, 20 लोगों की मौत

कारोबार में शामिल स्पेशल पुलिस फोर्स के 14 जवानों को सस्पेंड कर दिया गया है

Anand Dutta

झारखंड की राजधानी रांची में जहरीली शराब पीने से 20 लोगों की मौत हो गई है. मरनेवालों में चार पुलिकर्मी हैं. वहीं शराब के अवैध धंधे में शामिल स्पेशल पुलिस फोर्स के 14 जवानों को सस्पेंड कर दिया गया है.

ये सभी जवान नक्सलियों के खिलाफ लड़ने के लिए बनाए गए झारखंड आर्म्ड पुलिस (जैप) के हैं. जैप एडीजी रेजी डुंगडुंग के आदेश पर जैप डीआईजी सुधीर कुमार झा ने मामले की जांच की तो जवानों की संलिप्तता के प्रमाण मिले हैं.


इस वक्त भी कुल 10 लोगों का इलाज चल रहा है. राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स) में 6 लोग भर्ती हैं. सभी 6 हाईकोर्ट के कर्मचारी हैं. वहीं मेडिका अस्पताल में चार पुलिसकर्मी भर्ती कराए गए हैं.

एक्साईज डिपार्टमेंट के अधिकारियों के मुताबिक बीते 14 माह में 1.43 लाख लीटर अवैध शराब जब्त किए गए हैं. वहीं राज्यभर में कुल 10,903 केस दर्ज कराए गए हैं.

घटना के संबंध में आठ केस डोरंडा थाना में दर्ज किया गया है. पूरे मामले की जांच सीआईडी करेगी.

मरनेवाले पुलिसकर्मी में एक को राष्ट्रपति पदक भी मिल चुका था. विक्रम राय नामक जैप के इस जवान को बीते 13 अगस्त को सीएम ने राष्ट्रपति पदक से नवाजा था. वह कई नक्सली अभियान में शामिल रहा है.

वहीं दूसरे पुलिसकर्मी अरविंद ठाकुरी पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में पोस्टेड था, जहां डीएसपी सहित जवानों को ट्रेनिंग देता था.

घटना में एक महिला की भी मौत हुई है. मरनेवाली अनीता झारखंड सरकार के फैलेरिया विभाग में कार्यरत थी.

रांची पुलिस के मुताबिक शराब डोरंडा इलाके के एक ही दुकान से खरीदा गया था. इस दुकान को जैप का जवान गौतम गुरूंग और उसका भाई उमेश गुरुंग मिलकर चलाता था.

शराब रांची से सटे नामकुम के जोरार बस्ती में बनता था. यहां पिछले 17 साल से बन रहा था. इसका संचालन प्रहलाद सिंधिया नामक आदमी करता था. वह अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.

मामले की जानकारी बुधवार की रात को मिली. इसके बाद तो मौत का सिलसिला शुरू हो गया. यह शनिवार की सुबह तक जारी था.

1 अगस्त से झारखंड में शराब सरकार खुद बेच रही है. इसके पहले राज्य में शराब की दुकाने आवंटित की जा रही थी. पूरे राज्य में 455 दुकानें हैं. राजधानी रांची में इस वक्त 18 दुकानें सरकार चला रही है. इससे पहले कुल 1,450 निजी दुकानें बंद कर दी गई थी.

रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया के सर्वे के मुताबिक झारखंड में 15 साल से अधिक उम्र वाले कुल 23.4% लोग शराब पीते हैं. वहीं छत्तीसगढ़ में ऐसे लोगों का आंकड़ा 33% है.

टुकड़ों- टुकड़ों में शराबबंदी का अभियान भी पूरे राज्य में महिलाएं चलाती रही हैं. बावजूद इसके राजधानी में अगर 17 साल से अवैध कारोबार के धंधे चल रहे हैं, तो यह चौंकाने वाली बात है.