झारखंड के खूंटी स्थित घाघरा गांव में बंधक बनाए गए तीन जवानों को रिहा करने के लिए प्रशासन ने पत्थलगड़ी समर्थकों को वक्त दिया है. प्रशासन की टीम घाघरा गांव में घुसकर हर घर की तलाशी ले रही है. इसी के साथ लोगों से पूछताछ भी की जा रही है. जिले के डीसी सूरज कुमार ने लोगों को समझाने की कोशिश की, जिसके बाद कई गांववालों ने अपने तीर-धनुष प्रशासन के हवाले कर दिया.
इससे पहले तीन जवानों को बचाने के लिए पुलिस ने बुधवार को रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया था. इस दौरान पुलिस ने पचास लोगों को हिरासत में लिया. वहीं लाठी चार्ज के दौरान एक शख्स की मौत हो गई थी.
भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने रबर बुलेट और आंसू गैस के गोले भी छोड़े, जिससे उनको कुछ हद तक नियंत्रित किया गया. इस भीड़ में भारी मात्रा में महिलाएं भी शामिल हैं. वहीं सांसद करिया मुंडा के गांव अनिगेड़ा में भी भारी संख्या में पुलिस बल तैनात की गई है. सिमडेगा,लोहरदगा,गुमला चाईबासा से करीब 700 जवान खूंटी में पहुंच चुके हैं.
पत्थलगड़ी समर्थकों ने किया था अपहरण
बता दें कि झारखंड के खूंटी में पत्थलगड़ी समर्थकों ने भारतीय जनता पार्टी के सांसद करिया मुंडा के तीन अंगरक्षकों का अपहरण कर लिया था. जानकारी के मुताबिक अगवा अंगरक्षकों में सुबोध कुजूर, विनोद केरकेट्टा और सियोन सुरीन शामिल हैं. तीनों बॉडीगार्ड्स को घाघरा गांव ले जाया गया, जहां उन्हें ग्रामसभा में रखा गया. बताया जा रहा है कि जवानों का अपहरण अन्नीगड़ा गांव स्थित सांसद के घर से किया गया. इस बीच पत्थलगड़ी समर्थकों ने पुलिस के 5 सदस्यों को बातचीत के लिए बुलाया लेकिन पुलिस के न जाने से तनाव बढ़ गया है.