यूपी के गोरखपुर में इलाज नहीं मिलने के कारण तीन दिन में करीब 60 बच्चों की मौत हो गई. ये कोई पहला या आखिरी मामला नहीं है. बच्चों की मौत का कुछ ऐसा ही मामला झारखंड में भी सामने आया है. लापरवाही के कारण झारखंड के एक सरकारी अस्पताल में कई नवजात दम तोड़ चुके हैं.यह मामला जमशेदपुर के महात्मा गांधी मेमोरियल सरकारी अस्पताल का है. यहां पर 30 दिनों में 52 नवजात बच्चों की मौत हो चुकी है.
एएनआई के मुताबिक ये सभी नवजात बच्चे हैं. कुछ दिनों पहले आई एक रिपोर्ट के अनुसार जमशेदपुर के अस्पतालों में 117 दिनों में करीब 164 बच्चों की मौत हो चुकी है. सूत्रों का कहना है कि इन मौतों का कारण एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है. अस्पताल के सुप्रींटेंडेंट का कहना है कि इन मौत के पीछे का कारण कुपोषण है.
वहीं नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4(एनएफएचएस-4) 2015-16 की रिपोर्ट के अनुसार झारखंड में पांच वर्ष तक के 47.8 फीसदी बच्चे कुपोषित हैं. सर्वे से यह भी पता चला है कि इनमें से करीब चार लाख बच्चे अति कुपोषित हैं. राष्ट्रीय पोषण संस्थान, हैदराबाद की रिपोर्ट में भी झारखंड में बच्चों व महिलाअों की दयनीय स्थिति की पुष्टि की गई है.
राष्ट्रीय पोषण संस्थान ने झारखंड के पांच जिलों चतरा, धनबाद, दुमका, गिरिडीह व कोडरमा में अध्ययन किया था. एक साल के अध्ययन के बाद जो रिपोर्ट सामने आई, उसमें यह खुलासा हुआ कि इन जिलों के 57.2 फीसदी बच्चे नाटे(छोटे कद के) , 44.2 फीसदी कम वजन वाले तथा 16.2 फीसदी काफी कमजोर हैं.