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ऑनलाइन बिक रहा है गोबर, विदेशों से भी आ रहे हैं ऑर्डर

जांजगीर चांपा जिले के किसान का बनाया हुआ कंडा अब ऑनलाइन बिक रहा है. महानगरों के साथ-साथ विदेशों से भी आ रहे ऑर्डर

FP Staff

गांव में गाय, बैल,भैंस के गोबर से बने कंडे और खाद का खरीददार नहीं मिला तो छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले के किसान ने अपनी सूझबूझ और कलाकारी से उसे ऑनलाइन बेचने की प्लानिंग की. जांजगीर चांपा जिले के किसान का बनाया हुआ कंडा अब ऑनलाइन बिक रहा है. महानगरों के साथ-साथ विदेशों से भी आ रहे ऑर्डर.

जांजगीर-चांपा जिले के एक छोटे से गांव जोंगरा में रहने वाला राकेश जायसवाल पेशे से किसान है. अपने खेतों में फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए रासायनिक खाद की जगह वह लम्बे समय से घर में ही गोबर खाद और केचुआ खाद बनाकर खेतों में डाल रहे है.


राकेश जायसवाल के घर पाली गई गाय का दूध तो बिक जाता था. लेकिन उसके गोबर से बने जैविक खाद खेतों में उपयोग के बाद बच जाता था. इसे राकेश ने गांव में बेचने में ही बेचने की कोशिश की लेकिन बिक्री नहीं हुई.

गाय के गोबर के कण्डे बनाकर गांव और आसपास बेचते थे. लेकिन मेहनत और क्वॉलिटी के हिसाब से दाम नहीं मिल रहा था. तब उन्होंने उसे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बेचने के लिए ऑनलाइन मार्केटिंग करने वाली कंपनियों से संपर्क किया. ऑनलाइन कंपनी अमेजन से उनकी डील फाइनल हुई.

कंपनी उनके प्रोडक्ट को उनकी सुविधा और ग्राहकों के मांग अनुसार स्थानीय स्तर पर उठा रही है. राकेश को उनके मेहनत का सही दाम भी मिल रहा है. 4 कंडों के पैकेट में 24 कण्डे की पैकिंग रहती है जिसकी कीमत 199 रुपए है.

किसान राकेश अब गोबर के कण्डे,गोबर खाद,केचुआ खाद के अलावा अन्य 52 प्रकार के प्रोडक्ट ऑनलाइन बिक्री के लिए रजिस्टर्ड करवा चुके हैं. राकेश के बनाए हुए गोबर के कंडे और खाद की मांग देशभर में होने लगी है. भारत के हैदराबाद, चेन्नई, गुड़गांव, चेन्नई के अलावा दक्षिण के एक अस्पताल से लगातार कंडे और खाद के ऑर्डर आ रहे है.

कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी और वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक केडी महंत ने इस कार्य में राकेश की मदद की है. कृषि वैज्ञानिक केडी महंत ने कंडे की क्वॉलिटी में सुधार करवाया है,जिससे वह जल्दी और काफी देर तक जल सके. क्वॉलिटी और आकर्षक पैकिंग के चलते इसकी डिमांड इतनी बढ़ गई है कि विदेशों में रहने वाले भारतीय इसे ऑनलाइन मंगवा रहे है. राकेश ने अमेजन में अपनी बेटी नव्या के नाम से ब्रांड को रजिस्टर्ड कराया है. अमेजन की साइट पर नव्या एग्री एलायड(navyaagriallied) सर्च करने पर उनके ब्रांड साइट पर आ जाते है. वर्तमान में उनके तीन प्रोडक्ट शिवाप्रिय कंडे, गोबर खाद और केचुआ खाद ऑनलाइन बिक रही है.

काम करने का हौसला और जज्बा हो तो इंसान कुछ भी कर दिखता है. अपनी मेहनत और सूझबूझ से जांजगीर-चांपा जिले के किसान ने भी कुछ ऐसा ही कर दिखाया है कि उसके नाम की धूम विदेशों तक पहुंच गई है. राकेश जायसवाल की इस सूझबूझ से कृषि वैज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक गौरवान्वित हो रहे हैं.

(न्यूज़18 के लिए रोहित शुक्ला की रिपोर्ट)