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JNU-BHU के बाद अब जम्मू यूनिवर्सिटी में बवाल, केरल के कुछ छात्रों को कहा जा रहा है देशद्रोही

छात्रों की शिकायत है कि उन्हें देशद्रोही कह कर प्रताड़ित किया जा रहा है

FP Staff

सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ जम्मू में केरल के कुछ छात्रों के साथ भेदभाव की खबरें हैं. छात्रों की शिकायत है कि उन्हें देशद्रोही कह कर प्रताड़ित किया जा रहा है. इन पर एबीवीपी द्वारा बीफ खाने, एंटी-नेशनल गतिविधियों में शामिल होने और जेएनयू की हाल में हुई घटनाओं से प्रभावित होने के आरोप लगाए जा रहे हैं.

इंडियन एक्सप्रेस पर छपी खबर के मुताबिक, 21 सितंबर को एबीवीपी ने केरल के 20 छात्रों के एक ग्रुप को एक प्रतिनिधि मंडल के सामने परफॉर्म करने से रोकने की कोशिश की. इनका आरोप था कि इस ग्रुप में देश विरोधी तत्व हो सकते हैं. हालांकि बाद में यूनिवर्सिटी ने छात्रों को परफॉर्म करने की इजाजत दे दी.


इससे पहले एबीवीपी स्टेट प्रेसिडेंट के नेतृत्व में शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी. और उनसे यूनिवर्सिटी कैंपस में देश विरोधी गतिविधियों के होने की खबर दी थी. वहीं एक सितंबर को केरल के एक छात्र ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को खत लिखकर उन्हें इस गंभीर स्थिति के बारे में सूचित किया था. और सीएम से इस मसले में उनके (केरल के छात्र) लिए दखल देने को भी कहा था.

2011 में शुरू हुई इस यूनिवर्सिटी में 1300 से ज्यादा छात्र पढ़ते हैं. साथ ही इसके दो कैंपस हैं, एक सैनिक कॉलोनी, जम्मू और दूसरा सांबा जिले के बागला में स्थित है. ये मामला भी सांबा जिले में बने कैंपस का है. सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ जम्मू के वाइस-चांसलर अशोक आइमा ने इस बात की पुष्टि की है कि फैकल्टी मेंबर ने आशंका जताई थी कि केरल के छात्र 21 सितंबर को परफॉर्मेंस के दौरान 'लाल सलाम' के बारे में बात कर सकते थे.

हालांकि वीसी के अनुसार परफॉर्मेंस में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं था. वीसी ने इसे झूठा प्रोपेगेंडा बताया और कहा कि वो इस मामले को देखेंगे और कार्रवाई करेंगे.

सांबा जिले में बने कैंपस में पिछले काफी समय से नॉन-वेज खाने और छात्रों के लिए वाई-फाई सुविधा को लेकर तनाव की स्थिति बनी हुई है. वहीं ये मामला तब और गरमा गया जब छात्रों ने वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या को लेकर शोक सभा की. इसे लेकर ऑथोरिटी ने छात्रों को समन किया और उन्हें पढ़ाई पर ध्यान लगाने को कहा. केरल के एक छात्र का कहना है कि हम पर आरोप लग रहे हैं कि हमारे रोहिंग्या, कश्मीरी अलगाववादियों से लिंक हैं और हम पाकिस्तान समर्थित थिंक टैंक हैं.