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JK: सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 को चुनौती देने वाली अर्जी खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने संबंधी संविधान के अनुच्छेद 370 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली नई याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया

FP Staff

सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने संबंधी संविधान के अनुच्छेद 370 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली नई याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि इस याचिका में उठाए गए मुद्दे पहले से ही उसके यहां लंबित याचिकाओं में शामिल हैं.

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह लंबित मामलों में ही एक पक्षकार बनने के लिए आवेदन दायर करे. इस मामले में संक्षिप्त सुनवाई के दौरान पीठ ने याचिकाकर्ता अधिवक्ता विजय मिश्रा और संदीप लांबा से जानना चाहा कि वह इस मुद्दे पर याचिकाओं की संख्या क्यों बढ़ाना चाहते हैं. पीठ ने कहा, 'हमने याचिकाकर्ता को सुना. इस याचिका में उठाये गये मुद्दे लंबित याचिकाओं का हिस्सा हैं.'


इन याचिकाकर्ताओं का कहना था कि जम्मू कश्मीर की संविधान सभा के 26 जनवरी, 1957 को भंग होने के साथ ही संविधान का अनुच्छेद 370 विलोपित हुआ घोषित जाए.

इससे पहले भी संविधान के अनुच्छेद 370 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई को अप्रैल 2019 तक टाल दिया था. कोर्ट ने कहा था कि अभी जम्मू-कश्मीर की स्थिति बहुत ही संवेदनशील है. ऐसे में इस समय इस याचिका पर कोई भी सुनवाई कराना ठीक नहीं है.

बीते सितंबर के महीने में जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने और इस राज्य के बारे में कानून बनाने के संसद के अधिकार को सीमित करने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए दिल्ली प्रदेश बीजेपी नेता और वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने यह जनहित याचिका दायर की थी. इसमें कहा गया था कि जम्मू कश्मीर संविधान सभा 26 जनवरी, 1957 को भंग होने के साथ ही संविधान बनाते वक्त 'अस्थाई' स्वरूप का विशेष प्रावधान और अनुच्छेद 370 (3) खत्म हो गया था.

(भाषा से इनपुट)