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बीजेपी-पीडीपी को छोड़कर सभी पार्टियों की वजह से संकट में कश्मीर: सत्यपाल मलिक

मलिक ने कहा दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद और पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती की पीडीपी को छोड़कर बाकी सभी कश्मीरी मुख्यधारा की पार्टियों ने कश्मीरी लोगों को बस झूठी उम्मीदें दी हैं

FP Staff

जम्मू-कश्मीर के गवर्नर सत्यपाल मलिक ने नैशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस, पाकिस्तान और अलगाववादियों को कश्मीर में हिंसा के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया है. हालांकि उन्होंने बीजेपी और पीडीपी पर नरम रुख अपना रखा है. मलिक ने पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार को छोड़कर बाकी सभी केंद्र सरकारों के कश्मीर के विवाद में भूमिका अदा करने की बात कही. मलिक ने कहा, 'दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद और पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती की पीडीपी को छोड़कर बाकी सभी कश्मीरी मुख्यधारा की पार्टियों ने कश्मीरी लोगों को बस झूठी उम्मीदें दी हैं. सभी नेताओं ने दिल्ली में कोई और बात की और यहां एयरपोर्ट पर उतरते ही कुछ और कहने लगे. इससे लोगों के मन में संदेह पैदा हुआ है, खासकर कश्मीरी युवाओं के बीच में.' राज्यपाल का निशाना फारूक और उमर अब्दुल्ला की ओर था, जिन्होंने लंबे समय तक राज्य में सरकार चलाई है.

केंद्र की सरकारें जम्मू-कश्मीर के चुनाव को करती हैं प्रभावित


मलिक ने कहा कि केंद्र की सरकारें जम्मू-कश्मीर के चुनाव को प्रभावित करती हैं और स्थानीय स्तर पर प्रत्याशियों के दल-बदलवाकर सरकार बनवाती हैं. उन्होंने कहा कि वह राज्य में नए राजनीतिक दल बनने के पक्ष में हैं. इससे लोग धोखा नहीं खाएंगे. हुर्रियत के नेताओं और पाकिस्तान पर उन्होंने युवा कश्मीरियों में हिंसक प्रवृत्तियों को भड़काने का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा- 'पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद बनाए रखने का सबसे बड़ा खिलाड़ी है. आतंकवाद कुछ कश्मीरी युवाओं के लिए पार्टटाइम जॉब भी बन गया है. केवल 500 रुपए के लिए एक युवा कश्मीरी सुरक्षाबलों पर पत्थर फेंक देता है.

पाकिस्तान से नहीं है कोई परेशानी

उन्होंने कहा कि जब लगभग एक दर्जन देशों के समर्थन के बाद भी LTTE को श्रीलंका में उसका लक्ष्य हासिल नहीं हुआ तो कुछ 100 आतंकी कश्मीर में कैसे हासिल कर लेंगे. उन्हें पाकिस्तान से कोई परेशानी नहीं है. वह चाहते हैं कि यहां के लोग आंतक और हथियारों की निरर्थकता को समझें. उन्होंने कहा कि अपने लोगों को आराम देना होगा. उन्हें अच्छी सरकार देनी होगी और उनकी परेशानियों का समाधान करना होगा. राज्यपाल ने भ्रष्टाचार पर चिंता जताते हुए कहा कि उन्होंने सभी सरकारी अफसरों से अपनी संपत्ति तय समय के अंदर घोषित करने के लिए कहा है.

सेना आतंकियों से स्थानीय लोगों को बचाने में लगी रहती है

आतंकी हमले की धमकियों के बीच चुनाव कराने को लेकर उन्होंने कहा कि जब श्रीनगर-बडगाम में सिर्फ 7 फीसदी वोटिंग के साथ चुनाव हो सकता है तो यहां स्थानीय निकाय के चुनाव क्यों नहीं हो सकते. उन्होंने एनसी और पीडीपी के चुनाव में हिस्सा न लेने के पीछे विधानसभा चुनावों पर नजर को वजह माना. उन्होंने कश्मीर में सेना के हाथों प्रताड़ना को लेकर कहा कि सेना आतंकियों से स्थानीय लोगों को बचाने में लगी रहती है. ऐसे में उन पर पत्थरबाजी करना कबूल नहीं किया जा सकता है.