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छात्रों को सेना में भर्ती के लिए प्रोत्साहित करने के मकसद से जामिया में लगे नौसेना और वायुसेना के स्टॉल

जामिया मिलिया इस्लामिया के 97वें स्थापना दिवस पर आयोजित ‘तालीमी मेला’ में भारतीय नौसेना और वायुसेना के स्टॉल लगाए गए हैं

Bhasha

जामिया मिलिया इस्लामिया के 97वें स्थापना दिवस पर आयोजित ‘तालीमी मेला’ में भारतीय नौसेना और वायुसेना के स्टॉल लगाए गए हैं ताकि छात्रों को सेना में शामिल होकर देश की सेवा करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके.

संस्थान के मीडिया विभाग ने बताया कि जामिया में ‘तालीमी मेला’ की रविवार को शुरुआत हुई. इसमें नौसेना और वायुसेना की ओर से भी स्टॉल लगाए गए हैं. इस तालीमी मेले में शिक्षा, खान-पान, मनोरंजन, खेल, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, साहित्य आदि से संबंधित लगभग 66 स्टाल लगाए गए हैं.


इस दो दिवसीय तालीमी मेले का उद्घाटन करते हुए कुलपति प्रो तलत अहमद ने कहा, ‘जामिया मिल्लिया अपने 100 साल पूरे करने के करीब है. अपने इस सफर को बखूबी अंजाम देते हुए यह आज देश के केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में छठे और देश के तमाम विश्वविद्यालयों में 12 वें स्थान पर है. यही नहीं वैश्विक रैंकिंग में जामिया मिल्लिया सर्वश्रेष्ठ 1000 और एशिया के सर्वश्रेष्ठ 200 विश्वविद्यालयों में शामिल है.’

उन्होंने कहा कि जामिया देश-दुनिया में हो रहे नए परिवर्तनों को अपनाते हुए अपनी ‘जड़ों और तहजीब’ को पकड़े रखें और तालीमी मेला हमें हर साल यही याद दिलाता है.

सैनिकों के लिए जामिया चलाती है कोर्स

अहमद ने कहा, ‘यह देश का अकेला ऐसा विश्वविद्यालय है जो दूरस्थ शिक्षा के जरिए देश की तीनों सेनाओं- वायु सेना, नौसेना और थल सेना के लिए बीए और एमए के डिग्री कोर्स चला रहा है. इससे 16-17 साल में सेना में भर्ती होकर 30-35 साल की उम्र में रिटायर हो जाने वाले सैनिकों और अधिकारियों को वैकल्पिक नौकरियां मिलने में बड़ी मदद मिल रही है.’

जामिया की कुलाधिपति और मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला ने वीडियो संदेश के जरिए उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आज जामिया अंतरराष्ट्रीय स्तर का विश्वविद्यालय बन गया है और इसके संस्थापकों का सपना पूरा हुआ.

उन्होंने कहा, ‘उनकी ख्वाहिश है कि जेएमआई में मेडिकल कॉलेज खोलने में वह कुछ मदद कर सकें. तालीमी मेले का उद्घाटन चांसलर को ही करना था, लेकिन अपने राज्य में कुछ आवश्यक व्यस्तता के चलते वह नहीं आ सकीं.’

असहयोग आंदोलन के समय ब्रिटिश शिक्षा के खिलाफ भारतीय जरूरतों के अनुरूप तालीम देने वाली शैक्षिक संस्थाएं शुरू करने के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आह्वान पर 29 अक्तबूर 1920 में मौलाना अली जौहर की अगुवाई में जामिया मिल्लिया इस्लामिया की स्थापना हुई थी.