जयपुर में किसान भूमि अधिग्रहण के खिलाफ पिछले करीब दो हफ्तों से आंदोलन कर रहे हैं. किसानों ने दिवाली के मौके पर विरोध का अनोखा तरीका अपनाया. किसानों ने गड्ढों में रह कर ही दिवाली मनाई और अपने आसपास दिये जलाए. किसानों ने दो अक्टूबर को गांधी जयंती के मौके पर इस जमीन समाधि सत्याग्रह की शुरुआत की थी. और इस प्रदर्शन को 'जमीन समाधि सत्याग्रह' का नाम दिया है.
जमीन समाधि पर बैठे किसानों का आधे से ज्यादा शरीर गड्ढों के अंदर है. किसान अपनी जमीन बचाने के लिए सत्याग्रह कर रहे हैं. आपको बता दें कि नींदड़ में जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) अपनी रेजिडेंशियल टाउनशिप बसाना चाहता है. इसके लिए जेडीए को 1350 बीघा जमीन की जरूरत है. इस जमीन पर अभी करीब 18-20 बस्तियां हैं. जहां करीब 5 हजार परिवार रहते हैं.
इस मामले पर सरकार का कहना है कि करीब 1350 बीघा जमीन 2010 में ही कालोनी बनाने के लिए अधिगृहित की जा चुकी है. जिन किसानों ने मुआवजा नहीं लिया है. सरकार ने उनका मुआवजा कोर्ट में जमाकर बेदखली की प्रक्रिया शुरू कर दी है. सरकार का कहना है कि किसान कोर्ट मे जमा मुआवजा ले लें और जमीन खाली कर दें. वहीं किसानों का कहना है कि वो खुद ही जमीन में रह कर अपनी जान दे दें, लेकिन जमीन नहीं देंगे.