जयपुर और सूरत में टेक्नोलॉजी के बढ़ते इस्तेमाल से दोनों शहर ए-श्रेणी के दो नए मेट्रो शहरों के रूप में उभर सकते हैं. एक रपट के अनुसार 2018 तक प्रत्येक शहर की आय 80,000 करोड़ रुपए के स्तर को छू सकती है जिससे वहां बाजार में काम करने वालों के लिए असीम संभावनाएं उपलब्ध होंगी.
अर्नेस्ट एंड यंग यानी ईएंडवाई की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2015-20 के बीच जयपुर की जीडीपी की ग्रोथ 8.7 प्रतिशत और सूरत की जीडीपी ग्रोथ 10.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो अन्य मेट्रो शहरों की 8.3 प्रतिशत ग्रोथ के मुकाबले बेहतर है.
इन दोनों शहरों में संयुक्त तौर पर 15 लाख घरों में टीवी है जो कोलकाता और पुणे के योग के बराबर हैं. इसमें 2012 से लगातार इजाफा हो रहा है.
ईएंडवाई इंडिया में मीडिया और मनोरंजन सलाहकार आशीष फेरवानी ने यहां कहा कि दोनों शहरों में मीडिया की पहुंच अच्छी है. एक बार 80,000 करोड़ रपए के आंकड़े को पार कर लेने के बाद हमें वहां खर्च में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी.
इस प्रकार खर्च में बढ़ोतरी के चलते दोनों शहरों के मेट्रो में शामिल होने की पूरी संभावना है.