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मुंबई: जारी है जे.जे अस्पताल के रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल, उचित कार्रवाई की मांग

शनिवार को ईलाज के दौरान रोगी की मौत हो जाने के बाद रिश्तेदारों ने की थी डॉक्टरों से मारपीट. हड़ताल लंबी होने पर डॉक्टर चलाएंगे अलग ओपीडी

FP Staff

सरकारी जे जे अस्पताल के रेजीडेंट डॉक्टरों ने मरीज की मौत के बाद अपने दो डॉक्टरों से मारपीट के खिलाफ चौथे दिन अपनी हड़ताल जारी रखी. मंगलवार को एक अधिकारी ने कहा कि मामले में कोई कार्रवाई नहीं होने के चलते उन्होंने विरोध प्रदर्शन जारी रखने का फैसला किया है.

जे. जे. अस्पताल के रेजिडेंस डॉक्टर शनिवार से हड़ताल पर हैं. वो अस्पताल में पर्याप्त सुरक्षा की मांग कर रहे हैं ताकि मरीजों के रिश्तेदारों और अन्य किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके. उन्होंने कहा कि जब पहले इस तरह की घटना हुई थी तब वार्डो में सुरक्षा गार्ड लगाए गए थे. लेकिन शनिवार को   घटना के समय ये गार्ड मेन गेट पर तैनात थे.


महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टरों (मार्ड) के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा कि विरोध करने वाले डॉक्टरों ने मेडिकल एजुकेशन अथॉरिटीज और अस्पताल के डीन के साथ कई बैठकें की लेकिन कोई संतोषजनक कार्यवाही नहीं हो पाई. उन्होंने कहा कि 'जब तक अस्पताल के अंदर सुरक्षा कर्मियों को तैनात नहीं किया जाता है, हम काम फिर से शुरू नहीं करेंगे.'

इससे पहले जे. जे. अस्पताल के इन डॉक्टरों को सोमवार को सिविक अस्पताल के डॉक्टरों का समर्थन मिला था, जो एकजुट होने के लिए एक दिन के टोकन स्ट्राइक पर गए थे.

क्या है मामला

दक्षिण मुंबई के बायकुला इलाके में स्थित जे जे अस्पताल की एक महिला समेत दो रेजीडेंट डॉक्टरों पर कथित रूप से इलाज के दौरान मौत हो जाने से सनाउल्ला शेख (45) के रिश्तेदारों ने 19 मई को हमला किया था. पुलिस ने आईपीसी धारा 353 (सरकारी कर्मचारी पर हमला), 324 (खतरनाक हथियारों से चोट पहुंचाने) और महाराष्ट्र मेडिकल प्रैक्टिशनर्स सर्विस एक्ट -2010 के तहत मामला दर्ज किया था. इस घटना के सिलसिले में चार लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था. मोहम्मद अल्ताफ अनुलाहक शेख (32), सोनी सनहुल्लाह शाह (23), रिहाना सानाउल्ला शाह (22) और सलीमा खटुन सानाउल्ला शाह (20) के रूप में पहचाने गए चार लोगों को बाद में 31 मई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

'मर्ड' के एक प्रवक्ता ने सोमवार को कहा था कि अगर हड़ताल लंबी हो जाती है, तो वे रोगियों के लिए एक अलग आउट पेशेंट विभाग (ओपीडी) चलाएंगे.