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हरियाणा: सेक्सुअल हैरेसमेंट पर बोले IAS अधिकारी- अपने स्टाफ को सिखाना मेरी ड्यूटी

वरिष्ठ अधिकारी ने आरोपों का खंडन करते हुए दावा किया कि महिला अफसर को सलाह दी गई थी कि अन्य अधिकारियों द्वारा जरूरी मंजूरी हासिल कर चुकी फाइलों में गलतियां नहीं निकालें

FP Staff

हरियाणा सरकार में तैनात 28 वर्षीय आईएएस अधिकारी ने आधिकारिक फाइलों पर विपरीत टिप्पणी लिखने पर अपने वरिष्ठ अफसर पर उसका यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है. उनके वरिष्ठ अधिकारी ने आरोपों का खंडन करते हुए दावा किया कि महिला अफसर को सलाह दी गई थी कि अन्य अधिकारियों द्वारा जरूरी मंजूरी हासिल कर चुकी फाइलों में गलतियां नहीं निकालें.

हरियाणा के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ने कहा कि अपने स्टाफ को सिखाना मेरी ड्यूटी है. अगर फील्ड पर जाने में उसे (महिला आईएएस अफसर) परेशानी होती है, तो सरकार उसका ट्रांसफर कर सकती है. मैं जांच के लिए तैयार हूं, यहां तक की मैं लाई-डिटेक्शन टेस्ट के लिए भी तैयार हूं.


उन्होंने आगे कहा कि उन पर लगाए गए सभी आरोप फर्जी हैं. उसकी (महिला आईएएस) एक महीने पहले ही यहां तैनाती हुई है. हमें पता लगा कि उसे मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में मैंने स्टाफ से उसकी देखभाल करने को कहा था. पर उसने स्टाफ के साथ भी गलत बर्ताव किया.

वहीं महिला अधिकारी ने घटना का विवरण देते हुए फेसबुक पर एक पोस्ट लिखा था. उन्होंने लिखा था कि उनके बॉस ने उन्हें 22 मई को अपने दफ्तर में बुलाया और उन्हें धमकाया. महिला अधिकारी ने लिखा, 'उन्होंने मुझसे सवाल किया कि मैं फाइलों पर यह क्यों लिख रही हूं कि विभाग ने गलत किया है.' पुरुष अधिकारी ने कथित रूप से धमकाया कि अगर उन्होंने आधिकारिक फाइलों पर विपरीत टिप्पणियां लिखना बंद नहीं किया तो उनकी वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) को खराब कर दिया जाएगा.

वरिष्ठ अफसर ने उन्हें 31 मई को बुलाया और किसी को उनके कमरे में नहीं आने देने की अपने स्टाफ को हिदायत दी. महिला अधिकारी ने आरोप लगाया, 'उन्होंने मुझसे पूछा कि मैं किस तरह का काम करना चाहती हूं, मैं विभागीय काम करना चाहती हूं या टाइम-पास काम चाहती हूं... और फिर उन्होंने मुझसे फाइलों पर विपरीत टिप्पणियां नहीं लिखने को कहा.'

युवा आईएएस अफसर का आरोप है, 'उन्होंने मुझसे कहा कि उन्हें एक नई-नवेली दुल्हन की तरह सबकुछ समझाना पड़ेगा और वह मुझे उसी तरह से समझा रहे हैं. मुझे उनका व्यवहार अनैतिक लगा.' उन्होंने दावा किया कि छह जून को वरिष्ठ अधिकारी ने उन्हें शाम पांच बजे अपने दफ्तर में बुलाया और उनसे शाम 7 बजकर 39 मिनट तक वहीं रहने को कहा.

उन्होंने कहा, 'मैं मेज की दूसरी तरफ उनके सामने बैठी थी. उन्होंने मुझसे कहा कि उनकी कुर्सी के नजदीक आऊं. जब मैं मेज की दूसरी तरफ पहुंची तो उन्होंने मुझे कंप्यूटर चलाना सिखाने का दिखावा किया. मैं अपनी कुर्सी पर वापस चली गई. कुछ देर बाद वह खड़े हुए और कोई कागज ढूंढते हुए मेरी कुर्सी के करीब आए और कुर्सी को धक्का दिया.'

महिला ने आरोप लगाया कि वरिष्ठ अधिकारी और उनके कुछ सहयोगी अब उन्हें धमका रहे हैं. उन्होंने दावा किया, 'अन्य वरिष्ठ महिला अधिकारी ने उन्हें मौखिक आदेश दिए हैं कि मैं कोई लिखित शिकायत नहीं करूं.' उन्होंने यह भी लिखा है कि उनकी पुलिस सुरक्षा वापस ले ली गई है और उन्होंने इस घटना के संबंध में राष्ट्रपति को ईमेल भेजा है.

जब वरिष्ठ आईएएस अधिकारी से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं. वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जब उनकी नियुक्ति उनके अध्यक्षता वाले महकमे में हुई तो उन्होंने महिला अधिकारी की हर तरह से मदद करने की कोशिश की. उन्होंने कहा, 'मैंने हमेशा यह सुनिश्चित करने की कोशिश की जब वह मेरे कार्यालय में हो तो कोई अन्य भी वहां मौजूद रहे. मुझे नहीं लगता कि वह कुछ मिनटों के सिवाए मेरे कार्यालय में कभी अकेली रही हों. मैंने उनसे हर फाइल पर विपरीत टिप्पणी लिखना बंद करने को कहा और कहा कि किसी अन्य विभाग में लोग उनकी एसीआर को खराब कर सकते हैं.'

महिला अधिकारी ने अपने वरिष्ठ के दावे को खारिज किया और कहा कि सीसीटीवी फुटेज की जांच होने से सबकुछ स्पष्ट हो जाएगा.

(भाषा से इनपुट)