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आईटीओ-कश्मीरी गेट 'हेरिटेज' लाइन को हरी झंडी, रविवार से शुरू होगी सेवा

नयी मेट्रो लाइन जो फिलहाल फरीदाबाद से आईटीओ के बीच चलती है और वॉयलेट लाइन का ही विस्तार है

Bhasha

दिल्ली मेट्रो की आईटीओ से कश्मीरी गेट तक ‘हेरिटेज लाइन’ मेट्रो रविवार से शुरू होगी. रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने इस बहुप्रतीक्षित व्यावसायिक लॉन्च को हरी झंडी दे दी है.

दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के प्रवक्ता अनुज दयाल ने कहा कि केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल संयुक्त रूप से सुबह 10 बजे इस मेट्रो लाइन का शुभारंभ करेंगे. जबकि दोपहर 12 बजे के बाद इसे आम लोगों के लिये खोल दिया जाएगा.


मेट्रो रेलवे सुरक्षा के आयुक्त ने इस सप्ताह की शुरूआत में दो दिन के निरीक्षण के बाद 5.17 किमी लंबे इस रेल कॉरीडोर की औपचारिक शुरूआत को कल हरी झंडी दे दी है.

यह मेट्रो लाइन पुरानी दिल्ली और ‘घनी बस्ती’ वाले इलाके दिल्ली गेट, जामा मस्जिद और लाल किला तक पहुंच को आसन बनाएंगे.

नयी मेट्रो लाइन जो फिलहाल फरीदाबाद से आईटीओ के बीच चलती है और वॉयलेट लाइन का ही विस्तार है अब यलो लाइन के चांदनी चौक और चावड़ी बाजार स्टेशनों की भीड़ का भी भार उठाएगी.

इस मेट्रो लाइन की शुरआत के बाद घनी आबादी वाले बाशिंदों और मुगल कालीन ‘शाहजहांनाबाद’ और इसके आसपास के रहने वाले लोगों को राजधानी के प्रमुख व्यावसायिक केन्द्र जैसे कनॉट प्लेस, जनपथ, केन्द्रीय सचिवालय और बाहरी इलाके फरीदाबाद तक जाने के लिये सीधी सुविधा मिलने लगेगी.

लाल किले के पास ‘शाहजहांनाबाद’ की स्थापना 17वीं सदी में मध्य में मुगल बादशाह शाहजहां ने की थी. इस मेट्रो लाइन के तीनों स्टेशन भूमिगत हैं और इन्हें उसी क्षेत्र के हेरीटेज की झलक प्रदान करने के अनुसार डिजाइन किया गया है.

डीएमआरसी ने सीएमआरएस से मार्च में इस लाइन के निरीक्षण के लिये कहा था. सीएमआरएस देशभर में रेल यातायात और ट्रेन परिचालन की सुरक्षा संबंधी मामलों को देखने वाली नोडल एजेंसी है.

डीएमआसी ने आईएसए यानि स्वतंत्र सुरक्षा निर्धारक एजेंसी को भी इस लाइन की सिग्नल प्रणाली के लिये सुरक्षा प्रमाणपत्र के लिये दस्तावेज जमा कराये थे. इस लाइन का परीक्षण पिछले साल अगस्त से शुरू किया गया था.

सीएमआरएस सिविल एवं अभियांत्रिकी के विभिन्न पहलुओं को देखने के बाद ही किसी कॉरीडोर को व्यावसायिक परिचालन के योग्य होने की घोषणा करती है.

डीएमआरसी के प्रमुख मंगू सिंह ने कहा कि पिछले साल दिसंबर में यह लाइन परिचालन के लिये तैयार थी लेकिन श्रमिकों के संकट के बाद इसकी निर्माण गतिविधियां धीमी पड़ गयी जिसके कारण इसमें देरी हुयी.