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डोकलाम विवाद को हल करने के लिए भारत और चीन के बीच हुई थी 13 बैठकें

इसके साथ ही संसदीय समिति ने इस इलाके में चीनी सैनिकों के इन्फ्रास्ट्रक्चर बने रहने पर भी चिंता जताई है

FP Staff

पिछले साल हुए डोकलाम विवाद को सुलझाने के लिए भारत और चीन के बीच 13 राउंड्स की बातचीत हुई थी. इसके बाद ही डोकलाम विवाद खत्म हो सका था. ये बात संसदीय समिति की एक रिपोर्ट में सामने आई है.

इसके साथ ही संसदीय समिति ने इस इलाके में चीनी सैनिकों के इन्फ्रास्ट्रक्चर अब भी बने रहने पर भी चिंता जताई है. इसके साथ ही इस रिपोर्ट में बताया गया है कि डोकलाम मामले को लेकर भूटान और चीन के बीच 24 बैठकें हुई थी. इस बातचीत के दौरान भारत से मुकाबला करने के लिए चीन ने भूटान के सामने दूसरी जगह जमीन ट्रांसफर का विकल्प रखा था. लेकिन चीन के इस विकल्प को मानने के बजाए भूटान ने भारत का ही साथ दिया.


दिल्ली की सुरक्षा के लिहाज से बड़ा मुद्दा 

इस संसदीय समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने कहा कि डोकलाम भारत के लिए संप्रभूता का मुद्दा नहीं था. इसकी वजह ये है कि हिस्सा भूटान का है. हालांकि ये दिल्ली की सुरक्षा के लिहाज से बड़ा मुद्दा था

वहीं दूसरी तरफ भारत चीन सीमा पर रोड इंफ्रास्ट्रक्टचर की कमी पर नाखुशी जताते हुए संसदीय समिति ने कहा है कि चीन से लगी सीमा सहित सीमावर्ती क्षेत्रों में बेहतर सड़क आधारभूत ढांचा और परिवहन सुविधा तैयार की जाए.

रिपोर्ट में कहा गया है कि बदतर स्थिति यह है कि सैन्य यातायात को सह सकने वाली सड़के भी नहीं बनाई गई हैं. 1962 की लड़ाई में चीन ने इस विशेष स्थिति का फायदा उठाया था और ऐसे में हमें इस मुद्दे पर सबक सीखना चाहिए.

क्या था डोकलाम विवाद?

डोकलाम विवाद दोनों देशों के बीच पिछले साल 16 जून से शुरू होकर 2 महीने, एक हफ्ते और पांच दिन यानी 28 अगस्त तक चला था. डोकलाम, जिसे चीन और भारत का दोस्त भूटान अपना क्षेत्र मानते हैं, उस पर चीन ने एक सड़क का निर्माण शुरू कर दिया था, जिसे लेकर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने आ गई थीं, हालात तनावपूर्ण थे लेकिन स्थिति को हाथ से निकलने से बचा लिया गया और दोनों देशों की सेनाए उस जगह से वापस लौट आईं

(भाषा से इनपुट)