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फ्रेशर्स को कम सैलरी पर हायर करने के लिए आईटी कंपनियों में 'सांठगांठ': पई

फ्रेशर्स का वेतन नहीं बढ़ाने के लिए कंपनियां 'गुटबंदी' कर रही है, जो अच्छे संकेत नहीं हैं

Bhasha

कभी इंफोसिस के बोर्ड आॅफ डायरेक्टर्स में शामिल मोहनदास पई ने आईटी इंडस्ट्री पर 'गुटबंदी' का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि फ्रेशर्स को कम वेतन पर हायर करने के लिए आईटी कंपनियों ने आपस में 'गुटबंदी' कर ली है.

पई ने कहा कि सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स ग्रेजुएट्स बड़ी तादाद में कॉलेज से निकल रहे हैं, जिसका फायदा आईटी कंपनियां उठा रही हैं.


उन्होंने कहा,‘यह भारतीय आईटी उद्योग की दिक्कत है. भारतीय आईटी कंपनियां अपने नए कर्मचारियों को वाजिब वेतन नहीं दे रही हैं. यहां तक कि बड़ी कंपनियां नए लोगों का वेतन नहीं बढ़ाने के लिए एकजुट हो गई है.’

महंगाई के मुकाबले कम बढ़ा वेतन

दो दशक पहले इस इंडस्ट्री में फ्रेशर को सालाना 2.25 लाख रुपए मिलते थे, जो अब बढ़कर केवल 3.5 लाख रुपए हुए हैं. इससे पता चलता है कि जिस हिसाब से इंफ्लेशन बढ़ रहा है उस हिसाब से वेतन में बढ़ोतरी नहीं हुई है.

पई ने कहा कि यह बड़े दुख की बात है कि बड़ी कंपनियां फ्रेशर्स का वेतन नहीं बढ़ाने के लिए आपस में साठगांठ कर रही हैं. पई के अनुसार ‘यह अच्छे संकेत नहीं हैं.’