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उत्तराखंड में निवेशक शिखर सम्मेलन की चल रही है तैयारी, पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन

निवेशकों को आकर्षित करने के लिए 12 मुख्य क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है जिनमें खाद्य प्रसंस्करण, बागवानी, पर्यटन, स्वास्थ्य एवं आयुष, आईटी, फिल्म शूटिंग आदि शामिल हैं

FP Staff

अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उद्यमियों को उत्तराखंड में एक निवेश मंच उपलब्ध कराने के लिए अगले महीने प्रस्तावित निवेशक शिखर सम्मेलन के लिए तैयारियां जोरों पर हैं. 7-8 अक्टूबर को होने वाले इस सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित राज्य सरकार इसके लिए युद्धस्तर पर तैयारियों में जुटी है. इससे राज्य में रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है. सम्मेलन को सफल बनाने के लिए पिछले कुछ दिनों में रावत ने खुद अहमदाबाद, बेंगलुरु, मुंबई और दिल्ली के उद्योगपतियों से मुलाकात की है. साथ ही इसके लिए उन्होंने रोड शो में भी हिस्सा लिया था जबकि राज्य के अन्य मंत्री और अधिकारी हैदराबाद से लेकर लंदन तक इसे सफल बनाने की कोशिशों में लगे हैं.

सम्मेलन से 20 हजार करोड़ रुपए का निवेश आने की उम्मीद 


इस सम्मेलन से राज्य में 20 हजार करोड़ रुपए का निवेश आने की पूरी उम्मीद है. बता दें कि देहरादून में आयोजित होने वाली 'डेस्टिनेशन उत्तराखंड इनवेस्टर्स सम्मेलन-2018' का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी करेंगे. इस संबंध में मुख्यमंत्री रावत ने कहा, ‘दुनियाभर से निवेशक, निर्माता, उत्पादक, नीति निर्माता व औद्योगिक संगठन इस सम्मेलन में हिस्सा लेंगे जिससे राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश होगा. स्थानीय युवाओं को बड़ी संख्या में रोजगार मिलने के साथ ही राज्य के उद्यमियों को भी बाहर के उद्योगों के साथ 'साझेदारी' के नए अवसर मिलेंगे.’ उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार राज्य में निवेश के अनुकूल माहौल बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है. कारोबार सुगमता, एकल खिड़की व्यवस्था, कानून-व्यवस्था की बेहतर स्थिति, सस्ती दरों पर बिजली की उपलब्धता, शिक्षा का अच्छा स्तर, दक्ष मानव श्रम की मौजूदगी आदि उत्तराखंड को निवेश के लिए

अनुकूल गंतव्य बनाते हैं. देश के दूसरे हिस्सों से उत्तराखंड का संपर्क भी अब दिनों दिन बेहतर हो रहा है और सरकार को भारी निवेश की अच्छी संभावना नजर आ रही है.

12 मुख्य क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है

निवेशकों को आकर्षित करने के लिए निवेश के 12 मुख्य क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है जिनमें खाद्य प्रसंस्करण, बागवानी, औषधीय एवं सुगंध , पर्यटन, स्वास्थ्य एवं आयुष, फार्मास्युटिकल्स, ऑटोमोबाइल्स, रेशम कीट पालन एवं प्राकृतिक रेशा, आईटी, नवीकरणीय ऊर्जा, जैव प्रोद्यौगिकी और फिल्म शूटिंग आदि शामिल हैं. उद्योग निदेशालय में स्थित निवेश संवर्धन एवं सुविधा केंद्र आयोजन के सचिवालय के तौर पर काम कर रहा है. उद्योग निदेशालय के उच्च निदेशक सुधीर नौटियाल ने कहा कि अभी तक राज्य में ज्यादातर निवेश विनिर्माण क्षेत्र में हुआ है जबकि उत्तराखंड के कोर क्षेत्रों जैसे पर्यटन, शिक्षा, बागवानी में उतना निवेश नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा कि खासकर प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में निवेश नाममात्र का ही हुआ है और अब सरकार का प्रयास इन क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा निवेश लाने का है.

सरकार ने देश भर में रोड शो आयोजित किए

नौटियाल ने कहा, 'इसके लिए हम उद्यमियों और निवेशकों को बता रहे हैं कि वर्ष 2003 में केंद्र सरकार के औद्योगिक पैकेज के तहत यहां भारी मात्रा में लगी औद्योगिक इकाइयां पैकेज खत्म होने के बाद भी यहीं पर बनी हुई हैं और अपना विस्तार कर रही हैं जो इस बात का प्रमाण है कि प्रदेश में उद्योगों के अनुकूल माहौल है.’ सम्मेलन से पूर्व निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सरकार ने देश भर के प्रमुख स्थानों में छोटी संगोष्ठियां एवं रोड शो आयोजित किए तथा उद्यमियों तथा विभिन्न देशों के राजदूतों से भी मुलाकात की है. रावत ने अपने कैबिनेट सहयोगियों एवं उच्चाधिकारियों के साथ सिंगापुर, चेक गणराज्य, जापान, जॉर्डन, संयुक्त अरब अमीरात, इजरायल, फ्रांस, बेल्जियम और जर्मनी सहित 45 देशों के राजदूतों तथा उच्चायुक्तों से भेंट की और उन्हें सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है.

उद्यम को स्वीकृति के लिए 15 दिन का समय

रावत ने उन्हें बताया कि मजबूत राजनैतिक इच्छाशक्ति और सहयोगात्मक वातावरण के साथ ही किसी भी उद्यम को स्वीकृति के लिए 15 दिन की समय सीमा निर्धारित है. इसे लेकर रावत ने रिलायंस समूह के मुकेश अंबानी, अडाणी समूह के गौतम अडाणी, हीरो इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के नवीन मुंजाल, आईबीएम ग्रुप के धीरज मोहन, ओयो के सिद्धार्थ दासगुप्ता, बिकानों के सुरेश गोयल सहित कई अन्य उद्यमियों से मुलाकात की और उन्हें सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया है. उत्तराखंड को फिल्म शूटिंग के बेस्ट डेस्टीनेशन के रूप में उभारने के प्रयासों के लिए रावत ने मुंबई में फिल्मी हस्तियों से भी मुलाकात की तथा उनसे फिल्म नीति में सुधार के लिए सुझाव भी मांगे.