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क्रेडिट कार्ड डीटेल्स खरीदने वाले इंटरनेशनल गिरोह का खुलासा

दोनों आरोपी क्रेडिट कार्ड के दुरुपयोग से जितनी रकम खर्च करते थे, उसका आधा हिस्सा पाकिस्तानी नागरिक शोजी को भेजा करते थे

Bhasha

क्रेडिट कार्डों की गोपनीय जानकारी खरीदकर बड़े पैमाने पर ऑनलाइन खरीदारी और विदेशों में अय्याशी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह का मध्यप्रदेश पुलिस के साइबर दस्ते ने सोमवार को भंडाफोड़ किया.

इस गिरोह के दो भारतीय सदस्य पुलिस के हत्थे चढ़ गए हैं जिसका मुखिया पाकिस्तानी है. राज्य साइबर सेल की इंदौर इकाई के एसपी जितेंद्र सिंह ने बताया कि आगर-मालवा जिले के एक बैंक अधिकारी की शिकायत पर गिरफ्तार आरोपियों की पहचान रामकुमार पिल्लै और रामप्रसाद नाडर के रूप में हुई है.


एसपी ने बताया कि दोनों आरोपी मुंबई के रहने वाले हैं और संदिग्ध तौर पर पाकिस्तानी नागरिक शेख अफजल उर्फ शोजी के साइबर गिरोह से जुड़े हैं. ये लोग महज 500 रुपए में क्रेडिट कार्ड के डिटेल्स खरीदते थे और उससे खरीदारी करते थे.

लाहौर का है सरगना

उन्होंने कहा, 'शोजी के बारे में पता चला है कि वह मूलतः लाहौर का रहने वाला है और पिछले साल ही उसकी शादी हुई है. वह दुनिया के अलग-अलग देशों में घूमता रहता है. पिछली बार जब पिल्लै और नाडर की उससे स्काइप के जरिए बात हुई थी, तब वह उज्बेकिस्तान में था. हम इन बातों की पुष्टि की कोशिश कर रहे हैं.'

सिंह ने बताया कि साइबर गिरोह के सदस्यों ने 'डार्क वेब' (इंटरनेट का गुप्त संसार जो अवैध कारोबार के लिए कुख्यात है) की कुछ वेबसाइटों पर हैकरों द्वारा उपलब्ध कराई क्रेडिट कार्डों की डीटेल खरीदीं. फिर इस गोपनीय जानकारी का दुरुपयोग कर बैंकॉक, थाईलैंड, दुबई, हांगकांग और मलेशिया के हवाई टिकट और पर्यटन पैकेज खरीदे. इसके साथ ही, विदेशी कंपनियों की महंगी चीजों की ऑनलाइन खरीदी की.

डार्क वेब से खरीदे कार्ड के डीटेल

उन्होंने कहा, 'डार्क वेब पर लोगों के क्रेडिट कार्डों की डीटेल खरीदने के लिए आरोपी बिटकॉइन (आभासी मुद्रा) के ऑनलाइन वॉलेट के जरिए भुगतान करते थे. अगर इस भुगतान को भारतीय मुद्रा के संदर्भ में आंका जाए, तो उन्हें हर क्रेडिट कार्ड की डीटेल खरीदने के लिए महज 500 से 800 रुपए चुकाने पड़ते थे.'

सिंह ने बताया कि पुलिस के हत्थे चढ़े दोनों आरोपी क्रेडिट कार्ड के दुरुपयोग से जितनी रकम खर्च करते थे, उसका आधा हिस्सा गोपनीय ऑनलाइन तरीकों से शोजी को भेजा करते थे. आरोपी उन वेबसाइट को चुनते थे, जहां खरीदारी के लिए वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) की आवश्यकता नहीं होती थी. इससे संबंधित धारक को भुगतान के बाद ही पता चलता था कि उसके क्रेडिट कार्ड का दुरुपयोग किया गया है. सिंह ने बताया कि शुरूआती जांच के मुताबिक दोनों आरोपियों ने अब तक 17 क्रेडिट कार्ड की डीटेल खरीदकर करीब 20 लाख रुपए की अवैध खरीदारी की है.