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केंद्रीय बजट: क्या आपको बजट से जुड़ी ये बातें पता हैं

प्रणव मुखर्जी के बारे में किसने कहा था, सबसे छोटे कद के फाइनेंस मिनिस्टर ने दिया सबसे लंबा भाषण

Pratima Sharma

बजट के इतिहास में इस साल पहली बार आम बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा. इसी के साथ ब्रिटिश काल से चली आ रही परंपरा का अंत हो गया है.

बजट से जुड़ी कई ऐसी दिलचस्प बातें हैं जिनकी जानकारी शायद आपको न हो. पेश है बजट के इतिहास से जुड़ी कुछ ऐसे ही दिलचस्प तथ्य.


भारत का पहला बजट

भारत का सबसे पहला बजट 7 अप्रैल 1860 में पेश किया गया था. ब्रिटिश सरकार के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी की तरफ से जेम्स विल्सन ने यह बजट पेश किया था.

क्या है हलवा समारोह ?

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संसद में बजट पेश करने के दौरान फाइनेंस मिनिस्टर पहले कुछ दस्तावेज पढ़ते हैं. इन दस्तावेजों की छपाई शुरू होने से पहले नॉर्थ ब्लॉक में 'हलवा समारोह' बनाया जाता है.

दिलचस्प है कि यह हलवा मंत्री तैयार करते हैं और इसे सभी अधिकारियों के बीच बांटा जाता है. इस समारोह के बाद बजट तैयार करने वाले सभी सरकारी अधिकारी बगैर मोबाइल और इंटरनेट के बजट की तैयारी में जुट जाते हैं.

ये अधिकारी उस वक्त बाहरी दुनिया से रूबरू होते हैं जब फाइनेंस मिनिस्ट्री बजट पेश करने के लिए तैयार होते हैं.

राष्ट्रपति तय करते हैं बजट का दिन

बजट किस दिन पेश किया जाएगा, यह तय करने का अधिकार राष्ट्रपति का होता है.समूचा बजट दो हिस्सों में होता है. पहले हिस्से में जनरल इकनॉमिक सर्वे और दूसरे हिस्से में टैक्स से जुड़े मुद्दे होते हैं.

पहले शाम को पेश होता था बजट

साल 2000 तक बजट फरवरी के आखिरी दिन शाम 5 बजे पेश किया जाता था.पहली बार यशवंत सिन्हा ने 2001 में बजट पेश करने का टाइम सुबह 11 बजे कर दिया.

किसने पेश किया सबसे ज्यादा बार बजट

सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड मोरारजी देसाई के नाम है. उन्हें 10 बार बजट पेश करने का अवसर मिला है.

साथ ही यह इकलौते फाइनेंस मिनिस्टर हैं, जिन्हें दो बार अपने जन्मदिन पर 29 फरवरी 1964 और 1968 में पर बजट पेश करने का मौका मिला.

सात बार बजट पेश करने वालों में प्रणव मुखर्जी, पी चिदंबरम, यशवंत सिन्हा, वाईबी चौहान और सीडी देशमुख हैं.

प्रधानमंत्री, जिन्होंने पेश किया बजट

देश में कुछ ऐसे प्रधानमंत्री भी रहे हैं, जिन्होंने प्रधानमंत्री पद के साथ फाइनेंस मिनिस्ट्री का भी पद संभाला और बजट पेश किया. इनमें जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी शामिल हैं.

किसने शुरू किया लंबे भाषणों का दौर 

1982 में प्रणव मुखर्जी ने 1 घंटा 35 मिनट में बजट पेश किया था. इसके बाद से लंबे भाषणों का ट्रेंड चल पड़ा.

इंदिरा गांधी ने इस बजट भाषण के बाद कहा था, 'सबसे छोटे कद के फाइनेंस मिनिस्टर ने सबसे लंबा बजट भाषण दिया.' 2003 में जसवंत सिंह ने रिकॉर्ड 2 घंटे में बजट पेश किया था.

बजट के इतिहास में सबसे अहम मनमोहन सिंह का 1992-1993 का बजट रहा. सिंह ने बजट में इंडिया की इकनॉमी खोल दी, जिससे इंपोर्ट ड्यूटी 300 फीसदी से घटकर 50 फीसदी पर आ गए.