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गुरमीत राम रहीम की रहस्यमयी दुनिया में कौन है 'पप्पी' और 'हनू'

'मैंने कभी बाबा को हनीप्रीत के बिना नहीं देखा. वे जब भी आते-जाते थे, हनीप्रीत उनके साथ होती थी'

Ankita Virmani

दो दिन पहले तक खुद के भगवान होने का दावा करने वाला गुरमीत राम रहीम सोमवार को जज के सामने हाथ जोड़े, आंखों में आंसू लिए रहम की भीख मांग रहा था. वैसे तो पहले भी कई बार यह बात साबित हो चुकी है लेकिन सोमवार को एक बार फिर इस बात पर मुहर लग गई कि स्वर्ग और नरक दोनों यहीं इसी धरती पर हैं.

सीबीआई जज जगदीप सिंह ने जैसे ही राम रहीम को 20 साल की सजा सुनाई, वह जमीन पर बैठकर रोने लगा. ढोंगी बाबा के आंसू देखकर कुछ लोगों ने यह भी कहा कि यह 'नौटंकी' है. आखिर लोगों को ऐसा क्यों ना लगे क्योंकि ऐसे भी राम रहीम को एक्टिंग का शौक है.


अपनी दुनिया के हीरो है बाबा 

बाबा की अपनी फिल्मी दुनिया है. सिरसा के डेरे में ही उनकी हर फिल्म का सेट लगता था. बाबा के पास पर्सनल थिएटर है. इसके साथ ही बाबा के पास 150 लोगों की टीम है, जो सिर्फ बाबा की फिल्मों का जिम्मा संभालते हैं.

बाबा की फिल्म कंपनी 'हकीकत एंटरटेनमेंट' के तहत ही सभी फिल्में बनती हैं. इस कंपनी में बाबा के लिए काम कर चुके मोहित और नितीश (बदला हुआ नाम) ने फ़र्स्टपोस्ट को बाबा की रहस्यमय दुनिया की कुछ दिलचस्प बातें बताईं.

रिश्तों की शर्मनाक कहानी

मोहित बताते हैं कि उन्होंने कभी भी बाबा को हनीप्रीत के बिना नहीं देखा. वे जब भी आते-जाते थे हनीप्रीत उनके साथ होती थी. जिस मुंहबोली बेटी को राम रहीम साथ जेल ले जाना चाहते थे वो प्यार से उन्हें पप्पी बुलाती है और बाबा उसे हनू बुलाता है.

मोहित बताते हैं कि एक बार कंपनी की तरफ से उन्हें राम रहीम की फिल्म का टिकट दिया गया. लोगों में अंधभक्ति इस कदर हावी थी कि लोग मोहित को किस्मत वाला मान रहे थे क्योंकि उन्हें बाबा के साथ फिल्म देखने का मौका मिला था. लोग वर्षों से इस मौके का इंतजार करते थे.

इस शो की खास बात ये थी कि इस शो में राम रहीम खुद आने वाले थे. मोहित जब इस शो को देखने राम रहीम के 'माई सिनेमा' में पहुंचे तो दंग रह गए. 400 लोगों की सीट वाले थिएटर में 600 लोग बैठे थे. कुछ लोग सबसे आगे जमीन पर बैठकर फिल्म देख रहे थे.

थिएटर में सबसे ऊपर यानी बालकनी वाली सीट से भी ऊपर दो आरामदायक सोफे लगे थे. उस पर राम रहीम और हनीप्रीत ने साथ बैठकर फिल्म देखी. फिल्म में जैसे ही गाना आता था थिएटर में डिस्को जैसी लाइटें जगमगाने लगती थी.

फिल्म में भी भक्ति का रस

गाना सुनते ही सभी भक्त बाबा की ओर मुंह करके नाचने लगते थे. अगर कोई भक्त बाबा के साथ बैठकर फिल्म देखना चाहता था तो उससे 2500 रुपए से लेकर 5000 रुपए तक वसूला जाता था.

नितीश ने बताया कि राम रहीम अपनी अगली फिल्म 'आॅनलाइन गुरुकुल' को हॉलीवुड फिल्म 'अवतार' के टक्कर की बनाना चाहते थे. वे घंटों इस फिल्म के लिए मीटिंग करते थे और हर बार 'अवतार' फिल्म का उदाहरण देते थे.

आप भक्त हो या ना हो पर मीटिंग में भी राम रहीम से बात करने के लिए आपको पहली लाइन 'धन धन सतगुरू तेरा ही आसरा'  बोलना ही पड़ेगा. इतना ही नहीं फिल्म के पहले सीन में जब बाबा की एंट्री होती तो भी पूरा थिएटर 'धन धन सतगुरू तेरा ही आसरा' के शोर से गूंज उठता था.

बाबा को 'ना' पसंद नहीं 

राम रहीम को 'ना' सुनना पसंद नहीं था. इनके साम्राज्य का नियम भी काफी सख्त था. आप डेरे में सेवादार हों या फिर फिल्म प्रोडक्शन के लिए काम करते हों, आपको किसी भी हालत में छुट्टी नहीं मिल सकती. तबीयत खराब हो तो भी छुट्टी लेना मुमकिन नहीं था. अगर आप छुट्टी ले लेते हैं तो आपके घर डंडों से भरी इनोवा पहुंच जाती थी. राम रहीम के पास ऐसे 56 इनोवा है, जो डंडों से लैस रहती थी.

बाबा जब जब आॅफिस आने वाले होते तो शोर मच जाता कि भगवान आने वाले हैं. आॅफिस से लेकर रोड तक बाबा के भक्तों की भीड़ लग जाती. लोग जमीन पर लेट-लेटकर बाबा के दर्शन करते. जहां-जहां उसके कदम पड़ते, लोग उस जमीन से मिट्टी उठाकर अपने माथे पर लगा लेते.

नीतीश बताते हैं कि एक सुबह लगभग साढ़े आठ बजे वह डेरे के पास 'फूड पार्टी' नाम के रेस्टोरेंट में पहुंचे तो वहां का नजारा देखकर चौंक गए. अंदर राम रहीम की 6-7 बड़ी-बड़ी हीरो जैसी तस्वीरें लगी थीं. और बाकायदा रामरहीम की आरती चल रही थी.

भक्ति के साथ डर भी

मोहित कहते हैं कि ये बात सही हैं कि लोग राम रहीम को भगवान मानते हैं लेकिन कभी-कभी ऐसा लगता है कि ये सिर्फ मान्यता नहीं बल्कि एक डर भी है. उन्होंने कई ऐसे मामले देखें जहां एमबीए, एमबीबीएस लड़कियों की शादी बाबा ने गांव में किसी से भी करा दी. दरअसल, बाबा डेरे में ही किसी लड़के का रिश्ता किसी भी लड़की से करा देते थे. और तुर्रा ये कि इस रिश्ते से लड़का या लड़की इनकार नहीं कर सकते थे.

नितीश ने बताया कि सिरसा में बाबा और हनीप्रीत के रिश्तों के बारें में ऐसी ही कई कहानियां सुनी है. एक कहानी के मुताबिक डेरे के पास प्रीत नगर नाम की कॉलोनी में प्रियंका तनेजा (हनीप्रीत) रहती थी. प्रियंका बाबा को पहली नजर में पसंद आ गई और दोनों के बीच अवैध संबंध भी थे. जब ये बात फैलने लगी तो बाबा ने उसे बेटी के तौर पर गोद ले लिया. बाद में बाबा ने जान-बूझकर डेरे के ही एक भक्त विश्वास गुप्ता से उसकी शादी करा दी.

विश्वास गुप्ता को जब बाबा और हनीप्रीत के नाजायज संबंधों के बारे में पता चला तो उन्होंने इसके खिलाफ आवाज उठाई और नतीजन उन पर दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज हो गया, जिसके बाद उन्हें एक बार जेल भी जाना पड़ा. खैर बाबा की गलतियों के साथ उसकी दुनिया का भी लगभग अंत हो गया है. कहते हैं ना कानून के आगे राजा और रंक एक बराबर है.