रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने दुश्मनों की पनडुब्बी को नष्ट करने में सक्षम स्वदेशी युद्धपोत आईएनएस किलटन को पूर्वी नौसेना कमान में जहाजी बेड़े में शामिल किया. उन्होंने कहा कि यह ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम का ‘चमकता युद्ध पोत’ है.
एक आधिकारिक रिलीज में कहा गया है कि भारतीय नौसेना के शस्त्रागार में शामिल होने वाले शिवालिक क्लास, कोलकाता क्लास और आईएनएस कमोर्ता और आईएनएस कदमट्ट के बाद इसी क्लास का तीसरा किलटन नया स्वदेशी युद्धपोत है.
यह भारत का पहला मुख्य युद्धपोत है जो कार्बन फाइबर से बना है जिससे इसकी स्टील्थ विशिष्टताएं उन्नत हुई हैं और मरम्मत की लागत कम हुई है.
नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा, पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ एच एस बिष्ट और अन्य वरिष्ठ अधिकारी नौसेना डॉकयार्ड में पोत के लॉन्च कार्यक्रम में शामिल हुए.
इस मौके पर सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार ‘मेक इन इंडिया’ के सिद्धांत पर रक्षा क्षेत्र में आत्म निर्भर होने के लक्ष्य को हासिल करने को प्रतिबद्ध है.
मेक इन इंडिया का नमूना
सीतारमण ने इस मौके पर कहा, ‘आईएनएस किलतान हमारी रक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और चूंकि यह पूरी तरह यहां बना है तो यह हमारे ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम में चमकता पोत होगा.’ उन्होंने कहा, ‘केंद्र सरकार रक्षा क्षेत्र में आत्म निर्भर होने के लक्ष्य को हासिल करने को प्रतिबद्ध है और इस दिशा में जरूरी धन मुहैया कराने को प्रतिबद्ध है.’ ‘प्रोजेक्ट 28’ के तहत नौसैन्य डिजाइन निदेशालय ने इस पोत का डिजाइन तैयार किया है.
आईएनएस किलटन पहला बड़ा युद्धपोत है जिसने सभी मुख्य हथियारों और सेंसरों का समुद्र में परीक्षण किया है और वह भारतीय नौसेना में शामिल किए जाने के दिन से ही संचालन के लिए तैयार है.
भविष्य में इस युद्धपोत पर जमीन से हवा में मार करने वाली कम दूरी की मिसाइल प्रणाली और एएसडब्ल्यू भी तैनात किए जाएंगे. इस जहाज का नाम लक्षद्वीप और मिनिकॉय द्वीप समूह के नजदीक स्थित एक द्वीप के नाम पर है.