view all

बहुत मुश्किल है बच्चों के लिए किताब लिखना: सुधा मूर्ति

67 साल की लेखिका सुधा मूर्ति की नई किताब ‘हिअर, देयर एंड ऐवरीवेयर’ हाल में प्रकाशित हुई है

Bhasha

अंग्रेजी और कन्नड़ की बड़ी लेखिका सुधा मूर्ति का कहना है कि बच्चों के लिए साहित्य लिखना बहुत मुश्किल काम है.

आम आदमी के दुखों पर लिखने वाली सुधा मूर्ति ने बच्चों की किताब लिखने का फैसला लिया और हर दफा एक अलग कहानी बयां की. उन्हें ‘डॉलर बहू’, ‘हाऊ आई टॉट माई ग्रैंडमदर टू रीड’ और ‘द सरपेंट्स रिवेंज’ जैसी किताबों के लिए जाना जाता है. बच्चों को साहित्य के जरिए कुछ बताने की बात आती है तो बरबस ही सुधा मूर्ति का नाम सामने आता है लेकिन अब इन्हें भी लिखने में मुश्किल हो रही है. जैसा कि मूर्ति ने कहा, ‘बच्चों के लिए लिखना सबसे कठिन काम है.’


उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए कुछ लिखने के लिए सबसे पहले खुद बच्चा बनना होता है. बच्चों के लिए सब कुछ आश्चर्यजनक होता है. 67 साल की लेखिका की नई किताब ‘हिअर, देयर एंड ऐवरीवेयर’ हाल में प्रकाशित हुई है.

सुधा इंफोसिस फाऊंडेशन की प्रमुख भी हैं और बहुत वक्त वह अपने फाउंडेशन से जुड़े काम में व्यस्त रहती है. उन्होंने कहा कि जब वह फाउंडेशन के काम में व्यस्त रहती हैं तब उनके दिमाग में कोई कहानी नहीं आती.