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साइबर अटैक से अपने कंप्यूटर को ऐसे बचाएं

भारत के करीब 2.5 करोड़ कम्प्यूटर इसकी चपेट में आए हैं

FP Staff

'वानाक्राय के बाद 'फायरबॉल' मालवेयर अटैक हुआ है. इस चाइनीज साइबर अटैक में दुनियाभर के 25 करोड़ कम्प्यूटर प्रभावित हुए हैं. सिक्योरिटी फर्म चेक प्वाइंट के मुताबिक, भारत के करीब 2.5 करोड़ कंप्यूटर इसकी चपेट में आए हैं.

चेक प्वाइंट रिसर्च टीम के मुताबिक, फायरबॉल किसी भी ब्राउजर को इन्फेक्ट कर सकता है. आइए जानते हैं इस मालवेयर के बारे में.


फायरबॉल मालवेयर क्या है और इसके पीछे कौन है?

बीजिंग स्थित एक बड़ी डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी रेफोटेक ने फायरबॉल मालवेयर बनाया है. यह ब्राउजर को हैक कर लेता है और डिफॉल्ट सर्ज इंजन बदल देता है. इसके बाद असली सर्च इंजन से जुड़ी सारी जानकारी फेक पर रीडरेक्ट हो जाती है.

मालवेयर के जरिए विक्टिम के वेब यूजेज और प्राइवेट इंफॉरमेशन ट्रैक की जा सकती है. चेक प्वाइंट ने बताया कि यह बेहद खतरनाक मालवेयर है, जिसके जरिए किसी भी कोड को आसानी से इंफेक्टेड मशीन में रन करवाया जा सकता है.

तो फायरबॉल से कौन प्रभावित है? कौन-से देश? क्या भारत भी प्रभावित है?

फायरबॉल मालवेयर का भारत पर काफी प्रभाव पड़ा है. यह कहना गलत नहीं होगा कि भारत पर इसका सबसे ज्यादा प्रभाव हुआ है. चेक प्वाइंट के मुताबिक, भारत में 20% कॉर्पोरेट नेटवर्क इससे प्रभावित हुए हैं.

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साइबर सिक्योरिटी फर्म ने बताया कि भारत में 25.3 मिलियन कम्प्यूटर इससे प्रभावित हुए हैं. ब्राजील में 24.1 मिलियन और मेक्सिको में 16.1 मिलियन और अमेरिका में 5.5 मिलियन कंप्यूटर इससे प्रभावित हैं.

इंफेक्टेड कम्प्यूटर में फायरबॉल मालवेयर क्या कर सकता है?

चेक प्वाइंट के मुताबिक, फायरबॉल लिजिटमेट सॉफ्टवेयर है. तकनीकी रूप से यह मालवेयर और वैध सॉफ्टवेयर है. रेफोटेक इसे सिर्फ 'एडवर्टाइजिंग और ट्रैफिक बढ़ाने के लिए ' इस्तेमाल कर रही है. लेकिन दूसरी तरफ इसका इस्तेमाल हैकिंग और डाटा चुराने में भी हो रहा है.

यह मालवेयर किसी भी तरह का कोड रन कर सकता है और यूजर की वेब हैबिट्स की जासूसी कर सकता है.

फायरबॉल को अन्य एप्लीकेशंस और प्रोग्राम के साथ पेश किया जा रहा है और रेगुलर यूजर्स इसे अनइंस्टॉल नहीं कर सकते. फायरबॉल मालवेयर सोसो डेस्कटॉप, एफवीपी इवेजव्यूअर जैसे मशहूर फ्रीवेयर प्रोडक्ट्स के साथ इंस्टॉल किया जा रहा है.

कैसे मालूम चलेगा कि आपका पीसी इंफेक्टेड है? फायरबॉल हटाने के लिए क्या करना होगा?

चेक प्वाइंट के मुताबिक, फायरबॉल मालवेयर स्कैन करने का एक तरीका है कि आप अपने ब्राउजर का डिफॉल्ट होम पेज और सर्ज इंजन चेक करें. यूजर्स को सारे ब्राउजर एक्सटेंशन चेक करने होंगे और यह देखना होगा कि वे डिफॉल्ट सर्च इंजन बदल पा रहे हैं या नहीं. अगर आप डिफॉल्ट सर्च इंजन बदल नहीं पा रहे तो आपका सिस्टम मालवेयर से इंफेक्टेड है.

अपने पीसी से फायरबॉल मालवेयर कैसे हटाएं?

सिस्टम इंफेक्शन मालूम चलते ही कंट्रोल पैनल में प्रोग्राम्स और फीचर्स लिस्ट में जाएं. कम्प्रोमाइज्ड एप्लीकेशन को अनइंस्टॉल कर दें.

मैक ऑपरेटिंग सिस्टम यूजर्स को भी एप्लीकेशन ट्रैश करनी होगी. हालांकि, जरूरी नहीं है कि यूजर्स प्रोग्राम को लिस्ट में ढूंढ पाएं.

चेक प्वाइंट के मुताबिक, यूजर्स को एंटी वायरस सॉफ्टवेयर या ऐडवेयर क्लीनर के जरिए रेगुलर अपना सिस्टम क्लीन रखना होगा. इसके अलावा ब्राउजर में टूल्स और एक्सटेंशन को जांचना भी जरूरी है.

कैसे चेक करें एक्सटेंशंस

गूगल क्रोम

मेनू पर क्लिक करें. इसके बाद टूल्स और एक्सटेंशन्स सेलेक्ट करें और संदिग्ध एड-ऑन्स रिमूव कर दें.

इंटरनेट एक्सप्लोरर

सेटिंग्स आइकन पर क्लिक करें और मैनेज एड-ऑन्स सेलेक्ट करें. यहां से आप संदिग्ध या अनजाने एक्सटेंशन हटा सकते हैं.

मोजिला फायरफॉक्स

सेटिंग्स में जाकर एड-ऑन्स सेलेक्ट करें और फालतू एक्सटेंशन रिमूव कर दें. इसके अलावा आप संदिग्ध प्लगइन्स भी डिसेबल कर सकते हैं.

सफारी

प्रेफरेंस पर क्लिक करें और एक्सटेंशन टैब पर जाएं. इसके बाद संदिग्ध एक्सटेंशन डिलीट कर दें.