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साफ-सुथरे शहरों की लिस्ट में फिर टॉप पर इंदौर, पश्चिम बंगाल फिसड्डी

स्वच्छता सर्वे में इंदौर के बाद भोपाल और चंडीगढ़ का नंबर है

FP Staff

मोदी सरकार ने स्वच्छ भारत रैंकिंग 2018 का ऐलान कर दिया है. इसमें तमाम मेट्रोपोलिटन शहरों को मात देते हुए इंदौर (मध्य प्रदेश) दूसरी बार टॉप पर बना हुआ है. स्वच्छता सर्वे में इंदौर के बाद भोपाल और चंडीगढ़ का नंबर है.

केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने देशभर में स्वच्छता सर्वे कराया था. इसमें देशभर के कुल 25 सबसे गंदे शहरों में से 19 पश्चिम बंगाल के निकले. वहीं, स्वच्छता सर्वे के तहत राज्यों में झारखंड पहले, महाराष्ट्र दूसरे और छत्तीसगढ़ तीसरे नंबर पर है.


6 स्केल पैरामीटर पर की गई है शहरों की रैंकिंग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को इंदौर में आयोजित एक कार्यक्रम में स्वच्छ भारत रैंकिंग 2018 का अवॉर्ड दिया. पीएम मोदी ने शहर की साफ-सफाई और स्वच्छता के लिए संबंधित विभाग की कोशिशों की तारीफ भी की.स्वच्छता सर्वे के तहत 6 स्केल पैरामीटर पर शहरों की रैंकिंग की गई. इसमें सूखे और गीले कूड़े के अलग निस्तारण की व्यवस्था, प्रोसेसिंग, डिस्पोजल, सैनिटेशन, इनोवेशन की प्रक्रिया शामिल थी.

ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन ने इस स्वच्छ भारत रैंकिंग की लिस्ट में 100वां स्थान हासिल किया है. तमिलनाडु के सिर्फ चार शहर कोयंबटूर, त्रिची, इरोड और चेन्नई ही टॉप 100 लिस्ट में अपनी जगह बना पाए.

वहीं, अगर दिल्ली की बात करें, तो राजधानी की साउथ दिल्ली और कैंटोनमेंट एरिया ने अपना प्रदर्शन सुधारा है. साउथ दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (SDMC) अपना रैंक सुधारते हुए 202 से 32वें नंबर पर आ गई है.जबकि, नॉर्थ दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (NDMC) की रैंकिंग 279 से 206 हुई है. ईस्ट दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (EDMC) की रैंकिंग 341 है.

साउथ दिल्ली के मेयर नरेंद्र चावला ने कहा कि रैंकिंग में सुधार की कई वजह हैं. हमने 164 कम्युनिटी टॉयलेट, 34 पब्लिक टॉयलेट बनाए. वहीं, होटलों और रेस्टोरेंट में फ्री में टॉयलेट के इस्तेमाल की पहल की. कूड़ा निस्तारण, डिस्पोजल और रिसाइकल की व्यवस्था की. यही वजह है कि हमारी रैंकिंग सुधरी है.

(साभार: न्यूज़18)