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यात्रियों को राहत देगा रेलवे, सितंबर में बदलेगी 'फ्लेक्सी फेयर पॉलिसी'

फ्लेक्सी फेयर सिस्टम की वजह से वर्तमान में कुछ क्षेत्रों में प्रीमियम ट्रेनों के लिए यात्रियों को हवाई यात्रा के बराबर भुगतान करना पड़ता है

FP Staff

भारतीय रेल मुसाफिरों को राहत देने की तैयारी में है. इसके तहत रेलवे अगले महीने (सितंबर) अपनी फ्लेक्सी फेयर योजना में बदलाव करेगी. फ्लेक्सी फेयर सिस्टम की वजह से वर्तमान में कुछ क्षेत्रों में प्रीमियम ट्रेनों के लिए यात्रियों को हवाई यात्रा के बराबर भुगतान करना पड़ता है.

रेलवे ने बताया कि मंत्रालय की कम भीड़भाड़ के दौरान प्रयोग के रूप में पहचान की गई कुछ ट्रेनों में अस्थायी रूप से फ्लेक्सी फेयर योजना बंद करने की तैयारी कर रहा है क्योंकि इस दौरान 30 प्रतिशत से कम सीटें ही भरीं.


उसने बताया कि एक अन्य विकल्प योजना को संशोधित करने पर भी विचार किया जा रहा है जो फार्मूला हमसफर ट्रेनों में इस्तेमाल किया जाता है.

फ्लेक्सी फेयर को खत्म किया जाए या नहीं इसे लेकर रेलवे में बीते लगभग डेढ़ साल से लगातार बहस चलती आ रही है.

फ्लेक्सी फेयर के संबंध में पिछले दिनों रेल राज्य मंत्री ने लोकसभा में कहा था कि रेलवे बोर्ड इसे लेकर अपनी स्कीम बदल सकता है. उन्होंने लिखित जवाब में कहा था कि इस पर विचार के लिए बनी विशेष कमेटी ने कुछ अहम सिफारिशें की हैं. इनके मुताबिक अगर ट्रेन में सीटें ज्यादा खाली हों तो टिकटों की दर घटाई भी जा सकती है.

क्या है भारतीय रेलवे का फ्लेक्सी फेयर सिस्टम?

बता दें कि फ्लेक्सी फेयर के तहत प्रीमियम ट्रेनें राजधानी, शताब्दी और दुरंतो आती हैं. इन रेलगाड़ियों में 50 प्रतिशत सीट वास्तविक मूल्य से 15 प्रतिशत से अधिक पर बेची जाती हैं. इसके बाद हर 10 फीसदी टिकटें बिकने पर किराए में 10 फीसदी की बढ़ोतरी की जाती है.

भारतीय रेल में फ्लेक्सी फेयर सिस्टम को सितंबर 2016 में लागू किया गया था. पिछले वित्तीय वर्ष (2017-18) में रेलवे को अकेले इस फ्लेक्सी फेयर से लगभग 862 करोड़ रुपए की आय हुई थी. इस प्रणाली को कायम रखने वाले अफसरों का तर्क है कि चूंकि लंबे वक्त से ट्रेनों का किराया नहीं बढ़ाया गया है, ऐसे में फ्लेक्सी फेयर से जो अतिरिक्त कमाई हो रही है, उसे जारी रखा जाए.

(भाषा से इनपुट)