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यात्रियों को मिल सकती है छूट, रेलवे ने दिया 'फ्लेक्सी फेयर' खत्म करने का प्रस्ताव

भारतीय रेलवे ने 'फ्लेक्सी फेयर' को खत्म करने का प्रस्ताव दिया है. यह प्रस्ताव उनके लिए रखा गया है जिसमें एक साल में 50 प्रतिशत सीट खाली रहती हैं

FP Staff

सरकार जल्द 'फ्लेक्सी फेयर' के तहत राजधानी, दुरंतौ, शताब्दी एक्सप्रेस की महंगी टिकट की मार झेलने वाले यात्रियों को राहत दे सकती है. भारतीय रेलवे ने 'फ्लेक्सी फेयर' को खत्म करने का प्रस्ताव दिया है. यह प्रस्ताव उनके लिए रखा गया है जिसमें एक साल में 50 प्रतिशत सीट खाली रहती हैं.

क्या होता है फ्लेक्सी फेयर सिस्टम

भारतीय रेलवे की तरफ से लागू की गई फ्लेक्सी फेयर प्रणाली पूरी तरह से मांग-आपूर्ति पर निर्भर होती है. इसके तहत जिस समय टिकट की मांग ज्यादा होती है उस वक्त टिकट की कीमतें बढ़ा दी जाती है. ऐसा त्योहारी सीजन में ही होता है. वहीं, दूसरी ओर जब टिकट की मांग कम हो जाती हैं तब कीमतें सामान्य हो जाती हैं. अब तक हवाई जहाज की टिकटों में ऐसा होता था.

आपको बता दें कि ट्रेन में फर्स्ट एसी और एग्जिक्यूटिव कैटेगरी की कीमतों में कोई बदलाव नहीं होता है. इसमें शुरुआत में पहली 10 फीसद सीटों के लिए सामान्य किराया लागू होता है, इसके बाद प्रत्येक 10 फीसद बर्थ की बुकिंग के बाद किरायों में 10 फीसद की बढ़ोतरी कर दी जाती है. मांग के आधार पर इसमें अधिकतम 50 फीसदी तक किराया बढ़ता है.

सेकेंड एसी और चेयरकार के लिए अधिकतम 50 फीसदी की बढ़ोतरी होती है. वहीं थर्ड एसी के लिए यह सीमा 40 फीसद अधिक होती है. अन्य चार्जेस जैसे कि आरक्षण शुल्क, सुपरफास्ट शुल्क, कैटरिंग शुल्क और सेवा कर में बदलाव नहीं होता है. फ्लेक्सी फेयर स्कीम को 9 सितंबर, 2016 को 44 राजधानी, 46 शताब्दी और 52 दुरंतो (प्रीमियम सुपरफास्ट कैटिगरी) ट्रेनों के लिए लागू किया गया था.

वहीं दूसरी तरफ, भारतीय रेलवे ने वित्त वर्ष 2019 के बजट में ग्रोस बजट्री सपोर्ट (GBS) के रूप में अलग से 18,000 करोड़ की मांग की है. फाइनेंशियल एक्सप्रेस के मुताबिक, रेलवे एक बैठक में अतिरिक्त जीबीएस की मांग पेश करेगी.