भारतीय नौसेना में बुधवार को स्कॉर्पीन श्रेणी की नई पनडुब्बी आईएनएस करंज शामिल हो गई. नौसेना प्रमुख सुनील लांबा ने मुंबई के मझगांव डॉक पर इस स्वदेशी पनडुब्बी को लॉन्च किया. हिंद महासागर में चीन और पाकिस्तान की बढ़ती ताकत को देखते हुए यह नई पनडुब्बी काफी अहम मानी जा रही है.
आईएनएस कलवरी और खांदेरी के बाद आईएनएस करंज को भी मेक इन इंडिया के तहत पूरी तरह देश में ही बनाया गया है. यह स्कॉर्पीन पनडुब्बी आधुनिकतम स्टेल्थ तकनीक से लैस है. इसके साथ ही इसमें अडवांस्ड एकाउस्टिक साइलेंसिग तकनीक लगी है, जिससे यह बेहद धीमी आवाज में सूचनाएं भेज सकता है. इन बेहतरीन तकनीकों की मदद से यह पनडुब्बी लंबे समय तक दुश्मन की नजरों से छिपी रह कर अभियान चला सकती है.
Karanj launched at MDL Mumbai. Big day for @indiannavy pic.twitter.com/FEH6bRK20G
— SpokespersonNavy (@indiannavy) January 31, 2018
सबमरीन करंज की यह है खासियत
- स्कॉर्पीन क्लास की तीसरी सबमरीन (पनडुब्बी) करंज 'प्रोजेक्ट 75' के तहत मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमएलडीएल) की ओर से बनाए जाने वाली 6 सबमरीनों में से तीसरी है. इस क्लास की पहली सबमरीन आईएनएस कलवरी को पिछले साल 14 दिसंबर को लॉन्च किया गया था.
- हिंद महासागर में चीन की नेवी अपनी सक्रियता बढ़ा रही है. ऐसे में करंज इंडियन नेवी की जरूरत बन गई थी.
- करंज पूरी तरह से 'मेक इन इंडिया' कॉन्सेप्ट पर तैयार की गई है. करंज को फ्रांस की तकनीक पर तैयार किया गया है.
- करंज की लंबाई 67.5 मीटर, ऊंचाई 12.3 मीटर और वजन 1565 टन है. इसे कुछ इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह किसी भी तरह की जंग में सेना के लिए मददगार साबित होगी.
- करंज दुश्मनों के जहाज को तलाश कर उस पर सटीक निशाना लगाने में सक्षम है. करंज टॉरपीडो और एंटी शिप मिसाइलों से भी हमला कर सकती है.
- करंज किसी भी रेडार की पकड़ में नहीं आएगी. इसकी सबसे ये ही बड़ी खासियत है.
- इस सबमरीन का इस्तेमाल हर तरह के वॉरफेयर, ऐंटी-सबमरीन वॉरफेयर और इंटेलिजेंस के अलावा जमीन पर भी आसानी से हमला करने के लिए किया जा सकता है.
- सबमरीन में ऑक्सीजन खत्म होने की स्थिति में इसमें ऑक्सीजन बनाने की भी क्षमता है. इस वजह से इसमें लंबे समय तक पानी में रहा जा सकता है.