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जरूरत पड़ी तो दोबारा करेंगे सर्जिकल स्ट्राइक : भारतीय सेना

सेना अपने आप से कोई काम या ऑपरेशन नहीं करती है जब तक राजनीति इच्छाशक्ति न हो

FP Staff

भारतीय सेना का कहना है कि जरुरत पड़ने पर नियंत्रण रेखा के पार जाकर सर्जिकल स्ट्राइक की जा सकती है. नॉर्दर्न कमांड के लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अंबू ने गुरुवार को कहा कि लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) कोई ऐसी लाइन नहीं है, जिसे हम पार न कर सकें. जब जरूरत होगी या होती है लाइन क्रॉस करके जाते हैं और करारा जबाव देते हैं. सीमापार आतंकवादी कैंपों पर हमारी नजर रहती है और उनको खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध रहते हैं.

अंबू ने चीन के साथ डोकलाम को लेकर तनाव से इनकार किया. अंबू ने कहा, 'मुझे नहीं लगता है कि पिछले कुछ दिनों में भारत और चीन में कुछ विवाद हुआ है. डोकलाम विवाद पर भारत-चीन के बीच कई स्तर पर मीटिंग हुई. सारी बातों पर विस्तार से बात हुई. इस समय हम लोगों के बीच बहुत अच्छी समझ है और लद्दाख में डोकलाम की तरह विवाद नहीं हो रहा. हम लोगों ने बॉर्डर पर 10-15 साल बाद में निर्माण काम शुरू किया है पर हम इस पर तेजी से काम कर रहे हैं. इस समय मैं कह सकता हूं कि पूर्वोत्‍तर और लद्दाख में चीन के साथ कोई समस्या नहीं है.'


पाकिस्‍तान प्रायोजित आंतकवाद के सवाल उन्‍होंने कहा, 'नियंत्रण रेखा पर स्थिति कंट्रोल में है. कोई भी किसी भी तरीके से घुसपैठ करने की कोशिश नहीं कर सकता. 100 से ज्यादा आतंकवादी हाल के दिनों में मारे गए हैं. इस साल 144 से ज्यादा आतंकवादी मारे हैं. कश्मीर में अलगाववादियों पर रोक लगी है. फंड रोकने की वजह से स्थिति में काफी सुधार हुआ है और आतंकवाद पर काफी रोक लगाई गई है. पिछले साल की अपेक्षा इस साल घुसपैठ और कैंप बढ़े हैं पर उमकी कामयाबी का रेट हमने बहुत कम कर दिया है."

अंबू ने बताया कि सरकार की ओर से सेना को पूरी मदद मिल रही है. उन्‍होंने कहा कि राजनीति और सरकार काफी बड़ा रोल अदा करती है. सेना अपने आप से कोई काम या ऑपरेशन नहीं करती है जब तक राजनीति इच्छाशक्ति न हो. राजनीतिक तौर पर सरकार से हर तरह से सहयोग मिल रहा है.

[न्यूज़ 18 इंडिया से साभार]