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हमारे पास हथियारों की कमी, राफेल विमानों से मिलेगी मजबूती: वायुसेना प्रमुख

वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने राफेल लड़ाकू विमानों को जरूरत बताते हुए इस डील को देश के लिए बेहतरीन करार दिया है

FP Staff

राफेल डील को लेकर कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों के लगातार हमलावर तेवरों से जूझ रही नरेंद्र मोदी सरकार को बड़ी राहत मिली है. भारतीय वायुसेना ने पहली बार इसे लेकर आधिकारिक बयान दिया है.

वायुसेना प्रमुख बिरेंदर सिंह धनोआ ने राफेल लड़ाकू विमानों को देश के लिए जरूरत बताया है. बुधवार को दिल्ली में एक कार्यक्रम में उन्होंने राफेल डील को बेहतरीन करार दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने राफेल लड़ाकू विमानों और रूस के एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम एस-400 उपलब्ध कराकर वायुसेना की शक्ति में इजाफा किया है.


उन्होंने कहा, केंद्र सरकार आज हमें राफेल लड़ाकू विमान मुहैया करवा रही है. इन विमानों के जरिए वर्तमान की मुश्किलों का सामना कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि वायुसेना के पास हथियारों की कमी थी, जो इससे काफी हद तक पूरी की जा सकेगी.

उन्होंने कहा, '42 दस्ते की जगह आज हमारे पास केवल 31 दस्ते ही हैं. हमारे दोनों तरफ परमाणु शक्ति संपन्न देश (चीन और पाकिस्तान) हैं. अगर 42 दस्ते भी होते हैं तो भी दो तरफ की जंग लड़ना आसान नहीं होगा.'

#WATCH What we do not have are the numbers, against a sanctioned strength of 42 squadrons, we are down to 31. Even when we do have 42 squadrons, we will be below the combined numbers of two of our regional adversaries:Air Force Chief Birender Singh Dhanoa in Delhi pic.twitter.com/DKa6sQHDva

वायुसेना चीफ ने इस बात पर भी जोर दिया कि राफेल जैसे हाईटेक और आधुनिक जेट की हमें जरूरत है, क्योंकि अकेले तेजस जैसे मध्यम तकनीक जेट काफी नहीं है.

राफेल डील को लेकर कांग्रेस के क्या हैं आरोप?

कांग्रेस का दावा है कि यूपीए सरकार ने फ्रांस के साथ जिस राफेल लड़ाकू विमान की डील की थी, उसे मोदी सरकार 3 गुना कीमत में खरीद रही है. कांग्रेस का आरोप है कि नई डील में किसी भी तरह की तकनीक ट्रांसफर की बात नहीं हुई है.

राहुल गांधी अपने भाषणों और संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर राफेल मामले में देश से झूठ बोलने और सौदे में भारी भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाते हैं.