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ऑपरेशन मालाबार: भारत, अमेरिका और जापान का साझा युद्धाभ्यास आज से शुरू

भारत में किया गया यह अब तक का सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास होगा

Ravishankar Singh

सिक्किम बॉर्डर पर भारत और चीन के बीच बढ़ती तनातनी के बाद से सोमवार से भारत, जापान और अमेरिका सैन्य युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है. भारत, अमेरिका और जापान के इस सैन्य युद्ध अभ्यास को लेकर चीन की बौखलाहट सामने आने लगी है. यह अभ्यास 10 जुलाई से लेकर 17 जुलाई तक चलेगा.

भारतीय सेना का पिछले कुछ दिनों से सिक्किम बॉर्डर पर आक्रामक रुख को देखते हुए इस अभ्यास का विशेष महत्व है. इस युद्धाभ्यास को ऑपरेशन मालाबार नाम दिया गया है.


चेन्नई तट से लेकर बंगाल की खाड़ी तक ये एक्सरसाइज होगी. जिसमें, 20 जंगी जहाज, दर्जनों फाइटर जेट्स, 2 सबमरीन, टोही विमान शामिल होंगे.

विवादित दक्षिणी चीन सागर में चीन की मजबूत होती सैन्य मौजूदगी को देखते हुए और मौजूदा हालात में हिंद महासागर में भारत, अमेरिका और जापान की नौसेनाओं का युद्धाभ्यास करने का फैसला सामरिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. यह युद्दाभ्यास मालाबार में 1991 से होता आ रहा है.

पहले इस सैनिक युद्धाभ्यास में भारत और अमेरिका ही शामिल हुआ करते थे. लेकिन, साल 2015 से भारत, अमेरिका के साथ जापान भी इस युद्धाभ्यास में नियमित तौर पर भाग लेने लगा है.

जापान ने साल 2007 में भी एक बार संयुक्त सैन्याभ्यास में भाग लिया था पर बाद में कुछ सालों तक जापान इस युद्दाभ्यास में शामिल नहीं हो पाया.

चेन्नई के तट के करीब होने वाला ये अभ्यास दुश्मनों को दहलाने वाला है. इस अभ्यास के दौरान लगभग 20 जंगी जहाज और दर्जनों फाइटर जेट्स आसमान में मंडराएंगे तो इनकी गर्जना बीजिंग तक सुनाई देगी.

यह सैन्य अभ्यास ऐसे समय पर शुरू हुआ है जब चीनी और भारतीय सेना सिक्किम में आमने-सामने आ गई हैं. भारत अमेरिका के बीच साल 1991 से ही नियमित तौर पर सैन्य अभ्यास होते रहे हैं, हां बीच में पोखरण परमाणु विस्फोट के बाद 1997 और 1998 में मालाबार युद्ध अभ्यास नहीं हुआ था.

इस सालाना सैन्य अभ्यास में तीनों देशों के नौसेना की परमाणु पनडुब्बियां और नौसेना पोत हिस्सा लेंगे.

सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास 

सोमवार से शुरू होने वाले इस संयुक्त सैन्य अभ्यास में भारत में किया गया यह अब तक का सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास होगा. इस सैन्य अभ्यास में तीनों देशों के तीन एयरक्राफ्ट करियर को शामिल किया जा रहा है. भारत ने अब तक किसी भी देश के साथ किए युद्धाभ्यास में एक साथ तीन एयरक्राफ्ट करियर का इस्तेमाल नहीं किया है.

इस सैन्य अभ्यास में भारत के आईएनएस विक्रमादित्य, जापान के इजूमो जो हेलिकॉप्टर्स करियर हैं और अमेरिका का निमित्ज एयरक्राफ्ट करियर शामिल है.

एक्सरसाइज में शामिल होने वाले अमेरिकी बेड़े की खासियत यह है कि एक लाख टन वजनी एयरक्राफ्ट करियर यूएसएस निमित्ज, न्यूक्लियर पावर से चलने वाला यूएसएस निमित्ज एफए -18 फाइटर जेट्स से लैस है.

इजरायल के बाद भारत पहला देश है जहां अमेरिका सैन्य युद्धाभ्यास में न्यूक्लियर सबमरीन लेकर आया है. इस युद्धाभ्यास में सबसे बड़ा एंटी सबमरीन हथियार भी शामिल भी किया जा रहा है.

चीन भारत, अमेरिका और जापान के इस संयुक्त सैन्य युद्धाभ्यास को संदेह की नजर से देख रहा है. चीन को लगने लगा है कि अमेरिका भारत और जापान के जरिए चीन को घेरने में लग गया है.

सिक्किम सीमा पर चीन की हरकतें भारत के लिए चिंता का कारण बनी हुई हैं. चीन के सरकारी अखबार के मुताबिक सिक्किम के डोकलाम में भारत के साथ तनातनी के बाद चीन ने भी पिछले दिनों समुद्र तल से 5 हजार 100 मीटर की ऊंचाई पर सैन्य अभ्यास किया था.

चीन संबंधित मामलों के जानकार जेएनयू में चाइनीज स्टडीज के प्रोफेसर श्रीकांत कोंडापल्ली ने फर्स्टपोस्ट हिंदी से बात करते हुए कहा, 'चीन की चाल भारत के पूर्वी क्षेत्र को लेकर साल 2005 से ही बढ़ गई थी.'

कोंडापल्ली ने कहा, 'मालाबार एक्सरसाइजेज और सिक्किम विवाद का कोई कनेक्शन नहीं है. मालाबार युद्धाभ्यास 2015 से नियमित हो रहे हैं. अमेरिका के साथ मालाबार एक्सरसाइज 1991 से चल रहे हैं. दोनो के बीच बहुत अंतर है एक जमीन विवाद का मसला है तो दूसरा समुद्री सीमा को लेकर है.'

भारत-चीन के बीच युद्ध की किसी भी संभावना से इंकार करते हुए श्रीकांत ने कहा, 'हमने लार्ज स्केल पर आर्मी का कोई मोबलाइजेशन देखा नहीं है. अगर भारत की मीडिया या लोग चीन का ग्लोबल टाइम्स पढ़ते हैं तो आपको लगता है कि यह एक युद्ध वाली स्थिति है. लेकिन, ग्लोबल टाइम्स मिलिट्री नहीं है.

ये सिर्फ और सिर्फ शब्दों की लड़ाई है

दूसरा अगर युद्ध की स्थिति होती है तो लाखों सैनिकों का मोबलाइजेशन होता है जो कि हमें दिखाई नहीं देता है. चाइना ने तीन हजार सोल्जर्स को मोबलाइज किया तो भारत ने भी तीन हजार सोल्जर्स को ही मोबलाइज किया. यानी कि 6 हजार सैनिक तीन बिलियन लोगों के लिए कोई खतरा नहीं हैं. ये सिर्फ और सिर्फ शब्दों की लड़ाई है.'

दूसरी तरफ भारत के एक और रक्षा विशेषज्ञ कमर आगा ने फर्स्टपोस्ट हिंदी से बात करते हुए कहते हैं, 'चीन नहीं चाहता है कि मालाबार में भारत किसी भी प्रकार का कोई सैन्य अभ्यास करे. मुझे ये भी लगता है कि चीन भारत को पश्चिमी देशों के साथ जाने के लिए उकसा भी रहा है.'

कमर आगा आगे कहते हैं, 'चीन को लगने लगा है कि आने वाले समय में जो ग्लोबल प्रोडक्शन का हब है वो भारत बनने जा रहा है. चीन की बौखलाहट इसी बात को लेकर है.'

कमर आगे कहते हैं, 'चीन बौखलाहट को अब ताकत का रूप देना चाह रही है. सिक्किम में जो ताजा विवाद है उसी बौखलाहट का नतीजा है. दक्षिण महासागर में चीन को लगभग 8 देशों के साथ समुद्री सीमा को लेकर विवाद है. जापान के साथ ईस्ट चाइना सी को लेकर प्रॉब्लम है. भारत के साथ उसका प्रॉब्लम पहले से ही चल रहा है. अब उसने भूटान के साथ विवाद शुरू कर दिया है.