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प्रदूषण से भारत में हुईं 25 लाख मौतें, लिस्ट में सबसे ऊपर

2015 में दुनिया भर में प्रदूषण से लगभग 90 लाख लोगों की मौत हुई थी. जिनमें से 25 लाख मौतें अकेले भारत में हुई थीं.

FP Staff

दिल्ली एनसीआर में पटाखे बेचने पर बैन के बाद भी जमकर पटाखे चले. दिवाली के अगले हवा में बदबू साफ महसूस की जा सकती है. रिपोर्ट है कि दिल्ली की हवा 12 गुना जहरीली हो गई है. हो सकता है अगले दिनों में पिछली बार की तरह स्मॉग भी लौट आए. ऐसे में रॉयटर्स में एक और चिंताजनक रिपोर्ट छपी है.

मेडिकल जर्नल द लान्सेट की एक स्टडी में सामने आया है कि 2015 में दुनिया भर में प्रदूषण से लगभग 90 लाख लोगों की मौत हुई थी. जिनमें से 25 लाख मौतें अकेले भारत में हुई थीं.


इन मौतों के पीछे प्रदूषण से पैदा होने वाली बीमारियों जैसे- दिल की बीमारिया, स्ट्रोक, कैंसर, फेफड़ों की बीमारियों का हाथ है. प्रदूषण से हुई इन मौतों में 92 प्रतिशत मौतें गरीब या मध्यम आय वाले देशों में हुई हैं. इन देशों में भारत काफी आगे है. भारत के अलावा पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश और मेडागास्कर का नाम है.

इस स्टडी में हिस्सा लेने वाले अमेरिका के माउंट सिनाई में इकान स्कूल ऑफ मेडिसिन के प्रोफेसर फिलिप लांड्रिगेन ने कहा, 'प्रदूषण अब एक पर्यावरण से जुड़ी समस्या नहीं रह गई है, अब ये कहीं ज्यादा बड़ समस्या हो गई है. ये इंसानों के स्वास्थ्य के लिए एक बहुत बड़ा खतरा है.'

वैश्विक स्तर पर हुई इन 9 लाख मौतों में वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण का सबसे बड़ा हाथ रहा है.

ट्रांसपोर्ट, इंडस्ट्रियल इलाकों से निकलने वाले धुंए से फैले वायु प्रदूषण से लगभग 65 लाख लोगों की मौत हुई है. वहीं जल प्रदूषण से पेट की बीमारियां, पैरासाइट इंफेक्शन से 18 लाख लोगों की मौत हुई.

भारत इस रिसर्च में सबसे ऊपर रहा. यहां लगभग 25 लाख लोगों की मौतें हुई थीं. ये किसी भी देश से ज्यादा है. वहीं चीन में प्रदूषण से 18 लाख की मौतें हुईं.

इस रिसर्च में 40 इंटरनेशनल वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया था. रिसर्च में यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन के इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मीट्रिक्स एंड इवेल्यूशन के डेटा की मदद ली गई थी.