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चीन को भारत का जवाब: बातचीत से सुलझाएंगे डोकलाम विवाद

भारत और चीन के बीच भूटान से लगी दोनों देशों की सीमाओं को लेकर डोकलाम में पिछले तीन सप्ताह से तनाव की स्थिति है

FP Staff

भारत ने गुरुवार को बीजिंग को साफ शब्दों में कहा कि डोकलाम में सीमा को लेकर पनपे ताजा विवाद को भी कूटनीतिक स्तर पर ही हल कर लिया जाएगा. चीन ने विरोध के बावजूद भारत ने फिर बोला कि जिस तरह बीजिंग के साथ विवाद के मुद्दों को पहले कूटनीतिक माध्यम से हल किया जाता रहा है, उसी तरह इस मुद्दे को भी हल करेंगे.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संपर्क मौजूद हैं, जिनका आगे भी इस्तेमाल किया जाएगा. बागले ने कहा, 'जहां तक डोकलाम मुद्दे की बात है, आप जानते ही हैं हमारे कूटनीतिक संपर्क हैं. दोनों देशों के दूतावासों में अपने-अपने देश के प्रतिनिधि हैं और इस संपर्क का आगे भी इस्तेमाल किया जाएगा.'


उन्होंने हाल ही में जर्मनी के हैंबर्ग में हुए जी-20 सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच 'बातचीत' का संदर्भ देते हुए कहा कि 'दोनों नेताओं ने पिछले सप्ताह अनेक मुद्दों पर बातचीत की.'

आपको बता दें कि भारत और चीन के बीच भूटान से लगी दोनों देशों की सीमाओं को लेकर डोकलाम में पिछले तीन सप्ताह से तनाव जैसी स्थिति बनी हुई है. यह विवाद चीन द्वारा डोकलाम में सड़क के निर्माण को लेकर शुरू हुआ. भारत के अनुसार यह इलाका देश के अंदर आता है जिसका नाम डोकलाम है. लेकिन, चीन इसे डोंगलोंग कहता रहा है.

चीन और चीनी मीडिया में ताजा सीमा विवाद को लेकर इस्तेमाल की गई भड़काऊ भाषा को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में बागले ने कहा, 'सरकार ने अपना पक्ष बेहद स्पष्टता के साथ रखा है और मुद्दे के समाधान के लिए संपर्क साधे हैं.'

उन्होंने कहा कि हमने दोनों देशों द्वारा पिछले कई सालों से इस तरह के मुद्दों, सीमा विवाद और तिहरी सीमारेखा को लेकर अपनाए गए उपायों का संदर्भ दिया है. उनका कहना था कि हमने दोनों देशों के बीच आपसी समझदारी का भी जिक्र किया है.

बागले ने विदेश सचिव एस. जयशंकर द्वारा हाल ही में दिए गए बयान का भी जिक्र किया. जयशंकर ने पिछले सप्ताह सिंगापुर में कहा था कि भारत और चीन इससे पहले भी आपसी सीमा विवाद सुलझाते रहे हैं और ऐसा कोई कारण नहीं है कि इस बार भी वे इसका समाधान नहीं निकाल लेंगे.

गौरतलब है कि एक दिन पहले ही बुधवार को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने जयशंकर की टिप्पणी को खारिज कर दिया था. उन्होंने कहा था कि 'डोकलाम में भारतीय सैनिकों द्वारा की गई घुसपैठ इससे पहले भारत और चीन के बीच अस्पष्ट सीमा को लेकर उपजे विवाद से अलग है.'

बागले से जब पूछा गया कि क्या मोदी और शी के बीच डोकलाम मुद्दे को लेकर खासतौर पर बात हुई है, तो उन्होंने सवाल का सीधा जवाब देने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, 'मैं इसे आपकी कल्पना और सहज बुद्धि पर छोड़ता हूं कि दोनों नेताओं के बीच किन-किन मुद्दों पर बात हुई होगी.'

(साभार: न्यूज़18)