view all

'चीन-भारत सीमा पर हालत नाजुक, स्थिति भड़कने की संभावना'

भामरे ने गुरुवार को कहा कि भारत-चीन सीमा पर हालत अब भी नाजुक है और आगे इसके बढ़ने की संभावना है.

FP Staff

डोकलाम गतिरोध के आठ महीने बाद रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे ने एक बड़ा बयान दिया है. भामरे ने गुरुवार को कहा कि भारत-चीन सीमा पर हालत अब भी नाजुक है और आगे इसके बढ़ने की संभावना है.

रक्षा राज्यमंत्री ने कहा, ‘नियंत्रण रेखा पर हालत नाजुक है और गश्त, जबरन दखली व गतिरोध की घटनाओं के चलते इसके बढ़ने की संभावना है.’


दोनों देशों के बीच लगभग चार हजार किलोमीटर लंबी सीमा को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के रूप में जाना जाता है.

नई दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा, ‘हालांकि विश्वास बहाली के कदम उठाए जा रहे हैं, फिर भी हम एलएसी के कायदे-कानूनों को बनाए रखने के लिए जरूरी सभी कार्रवाई करते रहेंगे.’

तब लंबा चला था डोकलाम में गतिरोध

डोकलाम में पिछले साल उस समय भारत और चीन के बीच 73 दिन तक गतिरोध चला था जब भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को विवादित इलाके में सड़क बनाने से रोक दिया था. 16 जून से शुरू हुआ गतिरोध 28 अगस्त को खत्म हुआ था.

सूत्रों का कहना है कि चीन ने उत्तरी डोकलाम में अपने सैनिक रखे हैं और विवादित इलाके में कुछ बना भी रहा है. सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने जनवरी में कहा था कि भारत के लिए समय आ गया है कि वह अपना ध्यान पाकिस्तान से लगती सीमाओं से हटाकर चीन पर केंद्रित करे. उन्होंने एक तरह से इस बात का संकेत दिया था कि चीन से लगती सीमा पर हालत चिंताजनक है.

क्षेत्रीय सुरक्षा के बारे में बात करते हुए भामरे ने भामरे ने कहा, ‘आज, हम कई चुनौतियों के साथ एक उलझे पड़ोस का सामना कर रहे हैं. नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम उल्लंघन में लगातार सेना और असैन्य नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है.जम्मू कश्मीर में स्थिति एक चुनौती बन हुई है.' भामरे ने देश के सामने ‘शत्रुवत खतरों’ से प्रभावी ढंग से निपटने की जरूरत पर भी जोर दिया और कहा कि धार्मिक कट्टरपंथ में तेजी और सोशल मीडिया के जरिए इसे बढ़ाना चिंता का कारण है।.