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यौन अपराधियों की लिस्टिंग, एक बार से ज्यादा अपराध करने वालों पर खास नजर

इस डेटाबेस को बनाने के पीछे का कारण बीते दिनों जम्मू-कश्मीर के कठुआ में एक बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म की घटना बताई जा रही है

FP Staff

देश में पहली बार यौन अपराधियों की नेशनल रजिस्ट्री कराई जा रही है. गुरुवार 20 सितंबर से यह काम शुरू हो रहा है. इसमें अपराधियों के नाम, फोटोग्राफ, एड्रेस, फिंगरप्रिंट, डीएनए सैंपल और आधार नंबर को एक जगह रिकॉर्ड किया जाएगा.

ऐसा करने वाला भारत दुनिया का नौवां देश बन जाएगा. अभी तक मिली जानकारी के अनुसार यह एक तरह का डेटाबेस होगा जिसमें 4.5 लेख केस के साथ अपराधियों की प्रोफाइलिंग भी की जाएगी. इसमें वैसै अपराधियों का नाम और प्रोफाइल का भी रिकॉर्ड होगा जो एक बार से ज्यादा बार अपराध कर चुके हों. अपराधियों को उनके अपराध की श्रेणी के अनुसार बांटा जाएगा.


जैसे कि 15 साल तक के अपराधी बच्चों को 'लो डेंजर' के रूप में वर्गीकृत किया गया है. वहीं 25 साल वाले अपराधियों को 'मॉडरेट डेंजर' की श्रेणी में डाला गया है. बाकी हिंसक अपराधियों, गैंगरेप और कस्टोडियल बलात्कार में अभियुक्तों के लिए आदतन अपराधी के रूप में रेखांकित किया गया है. इसके साथ ही उनके पुराने रिकॉर्ड भी इसमें ऐड किए जाएंगे.

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो को दी गई है इसकी जिम्मेदारी

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार यह डेटाबेस तैयार करने की जिम्मेदारी गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो को दिया गया है. इन रिकॉर्ड का विभिन्न प्रयोजनों के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों को उपलब्ध कराया जाएगा, जिसमें जांच और कर्मचारी सत्यापन शामिल है.

इस डेटाबेस को बनाने के पीछे का कारण बीते दिनों जम्मू-कश्मीर के कठुआ में एक बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म की घटना बताई जा रही है.

एनसीआरबी के अनुसार, 2015 के मुकाबले महिलाओं के खिलाफ अपराधों में तीन प्रतिशत की वृद्धि हुई है और 2016 में बलात्कार में 12 फीसदी की वृद्धि हुई है. 2016 में जहां 34, 947 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए थे, जो 2015 में 34,651 से ऊपर थे.

कुल मिलाकर, 2015 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामले 3,29,243 से बढ़कर 2016 तक आते-आते 3,38,954 हो गए हैं. माना जा रहा है कि इस डेटाबेस के लॉन्च के साथ, सरकार अगले साल चुनाव से पहले लोगों को यह संदेश देना चाहती है कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा इसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है.